छत्तीसगढ़ में नई रेलवे परियोजना से परिवहन में सुधार

छत्तीसगढ़ में रेलवे विकास
छत्तीसगढ़ में रेलवे अधिग्रहण: राज्य में आवागमन को सुगम बनाने के लिए हाईवे और एक्सप्रेसवे के विकास के साथ-साथ रेलवे ढांचे पर भी ध्यान दिया जा रहा है। अप्रैल में छत्तीसगढ़ को एक महत्वपूर्ण रेल लाइन का तोहफा मिला है, जो देश के शीर्ष 10 रेल मार्गों में शामिल है। इस परियोजना के तहत 21 नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा।
राज्य के विकास में महत्वपूर्ण कदम
राज्य में रेलवे ढांचे का तेजी से विस्तार न केवल स्थानीय निवासियों के लिए बेहतर यात्रा की सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि व्यापार, उद्योग और खनिज क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण वृद्धि लाएगा। खैरागढ़-परमलकासा रेलवे मार्ग, जो 278 किलोमीटर लंबा है, के तहत 615 किलोमीटर ट्रैक का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना रेलवे नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखी जा रही है। इस परियोजना में 21 नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण होगा, जिससे आम जनता का आवागमन सरल होगा। इस मार्ग के निर्माण के लिए 48 बड़े पुल, 349 छोटे पुल, 14 रेल ओवर ब्रिज, 184 रेल अंडर ब्रिज और रेल फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। यह छत्तीसगढ़ के विकास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इससे न केवल राज्य के लोगों का सफर आसान होगा, बल्कि पड़ोसी राज्यों के साथ व्यापारिक गतिविधियों में भी वृद्धि होगी।
नई रेलवे लाइनों का निर्माण
छत्तीसगढ़ में परिवहन की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए हाईवे-एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। सड़क निर्माण के साथ-साथ रेलवे ढांचे का विकास भी महत्वपूर्ण है। केंद्र सरकार ने अप्रैल में छत्तीसगढ़ को एक नई रेल लाइन देकर एक बड़ी संभावना को पूरा किया है। राज्य में मल्टीट्रैकिंग नई रेलवे लाइनें 278 किलोमीटर (615 किलोमीटर) खैरागढ़ से परमलकासा तक बनाई जाएंगी, जिसमें 21 स्टेशन होंगे। खैरागढ़-परमलकासा नई रेल लाइन बिलासपुर और रायपुर बाईपास से गुजरेगी, जो देश के टॉप-10 रेलवे रूटों में से एक है। यह परियोजना छत्तीसगढ़ को महाराष्ट्र से सीधे जोड़ देगी। इससे माल ढुलाई में काफी सहूलियत मिलेगी और दो राज्यों के बीच सफर आसान होगा। इस मार्ग पर एयरपोर्ट की तरह अमृत स्टेशन भी बनाया जाएगा, जो यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं देगा।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया
राज्य में नई रेल लाइनों का निर्माण और एयरपोर्ट की तरह अमृत स्टेशन का निर्माण हो रहा है। रेलवे क्षेत्र में विकास का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। अतिरिक्त रेलवे लाइनों से क्षेत्र का विकास संभव होगा। रेलवे कनेक्टिविटी के विस्तार से परिवहन सुविधाओं में सुधार होगा। वर्तमान में केवल 30% कनेक्टिविटी है, लेकिन आने वाले समय में इसे 60-70% तक बढ़ने की उम्मीद है। इस परिवर्तन से समग्र बुनियादी ढांचा मजबूत होगा, व्यवसाय बढ़ेगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। राज्य के लोगों को इससे बेहतर रेल सेवा मिलेगी। नई खैरागढ़-परमलकासा रेलवे लाइन के निर्माण से किसानों की जमीन की कीमतें काफी बढ़ जाएंगी। भूमि अधिग्रहण से किसानों को आर्थिक लाभ होगा और समृद्धि के रास्ते खुलेंगे। 615 किलोमीटर की चार रेलवे मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं के निर्माण पर 18,658 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे कनेक्टिविटी बढ़ेगी और लॉजिस्टिक खर्च कम होंगे। योजना को वर्ष 2030 से 31 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
खरसिया-परमलकासा रेलमार्ग पर स्टेशन
खरसिया-नया रायपुर-परमलकासा रूट पर 21 स्टेशन हैं: रायगढ़, जांजगीर-चंपा, सक्ति, बिलासपुर, बलौदाबाजार, रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, गुंडरदेही, पाटन, बालोद, अभनपुर, लखौली, नवा रायपुर, डोंगरगढ़, भिलाई-भिलाई नगर, दुर्ग, करगी रोड, सक्ति रोज धमतरी और मरमलकासा। स्थानीय लोगों को इन स्टेशनों से आसानी से जाना होगा और संबंधित स्टेशनों के आसपास छोटे व्यवसाय भी बढ़ेंगे, जिससे लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
खरसिया-परमलकासा मार्ग का विकास
5 वीं और 6 वीं लाइन बलौदा बाजार खरसिया-नया रायपुर-परमलकासा के बीच विकसित होने वाले क्षेत्रों को सीधी कनेक्टिविटी देगी, जिससे नए उद्योग और सीमेंट प्लांट बनाए जा सकेंगे। इस 278 किमी की लाइन को बनाने में 8,741 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 21 से 38 मिलियन टन कार्गो और आठ मेल, एक्सप्रेस और सेमी-हाई स्पीड ट्रेनें इस पर चलेगी। रेलवे लाइन सीधे रायगढ़, जंजगीर-चंपा, सक्ती, बिलासपुर, बलोदा बाजार, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव से जुड़ जाएगा। इस लाइन में हजारों गांव और कुछ कस्बे शामिल हैं, जहां से आसानी से सफर किया जा सकेगा।
परमलकासा-खरसिया-नया रायपुर रेलवे लाइन का डिज़ाइन
खरसिया-नया रायपुर-परमलकासा मार्ग पर 48 ब्रिज, 349 ब्रिज, 14 आरओबी, 184 आरओबी (अंडरपास) और 5 फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। सड़क परिवहन की तुलना में लॉजिस्टिक खर्च 2520 करोड़ रुपये की कम हो सकता है। इसके अलावा, हर साल 22 करोड़ डीजल बच जाएगा, जो आर्थिक लाभ देगा। इससे न सिर्फ राज्य के परिवहन में सुधार होगा, बल्कि पड़ोसी राज्य के साथ व्यापार और रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।