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झारखंड में बंदर ने अपने मालिक के अंतिम संस्कार में निभाई अनोखी भूमिका

झारखंड में एक बंदर ने अपने मालिक मुन्ना सिंह के अंतिम संस्कार में भाग लेकर सभी को भावुक कर दिया। वह शव के पास बैठा रहा और अंतिम विदाई में शामिल हुआ। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें बंदर ने अपने मालिक को अंतिम 'किस' दिया। यह कहानी जानवरों और इंसानों के बीच गहरे रिश्ते को दर्शाती है। जानें इस अनोखी घटना के बारे में और लोगों की प्रतिक्रियाएं।
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झारखंड में बंदर ने अपने मालिक के अंतिम संस्कार में निभाई अनोखी भूमिका

झारखंड में बंदर की भावुकता

झारखंड में एक बंदर ने अपने मालिक मुन्‍ना सिंह के अंतिम संस्कार में भाग लेकर सभी को भावुक कर दिया। वह उनके शव के पास बैठा रहा, जिससे वहां मौजूद लोगों की आंखों में आंसू आ गए। यह दृश्य सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया और इसे 1.6 मिलियन से अधिक लोगों ने देखा।


मुन्‍ना सिंह, जो एक किसान थे, अपने इस बंदर को रोजाना खाना देते थे और उनके साथ समय बिताते थे। इस दौरान दोनों के बीच एक गहरा भावनात्मक संबंध विकसित हो गया था। जब मुन्‍ना सिंह का निधन हुआ, तो यह बंदर अंतिम विदाई देने के लिए वहां पहुंचा और शव के पास बैठा रहा।


बंदर ने दिया अंतिम 'किस'

बंदर ने अपने मालिक को अंतिम 'किस' देकर नहीं छोड़ा साथ


वीडियो में देखा जा सकता है कि बंदर मुन्‍ना सिंह के पार्थिव शरीर के पास बैठा है। जैसे ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू होती है, वह शव को 'किस' करता है। इंस्टाग्राम पेज 'Pet Adoption Bangalore Trust' ने इस वीडियो को साझा करते हुए लिखा, 'आज जहां रिश्तेदार भी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होते, वहीं यह बंदर अपने देखभालकर्ता को अंतिम 'किस' देने आया।'


लोगों की भावनाएं

लोगों का रिएक्शन


इस वीडियो पर हजारों भावुक प्रतिक्रियाएं आईं। एक यूजर ने लिखा, 'ये देखकर रोना आ गया... ये नुकसान बहुत निजी लग रहा है।' वहीं दूसरे यूजर ने कहा, 'जहां इंसान एक-दूसरे को पहचान नहीं पा रहे, वहीं एक जानवर ने हमें इंसानियत सिखा दी।' एक अन्य कमेंट में लिखा गया, 'बहुत दुखद... बंदर उसे बहुत मिस करेगा, उम्मीद है कोई और दयालु इंसान उसे अपना ले।'


जानवरों के साथ अनमोल रिश्ते

जानवरों से भी बनता है अनमोल रिश्ता


यह वीडियो न केवल एक वायरल कंटेंट है, बल्कि यह इस बात का प्रमाण भी है कि जानवरों और इंसानों के बीच कितनी गहरी आत्मीयता हो सकती है। मुन्‍ना सिंह और इस बंदर की कहानी इस बात का सबूत है कि सच्चा रिश्ता शब्दों का मोहताज नहीं होता।