तनाव से राहत पाने के लिए गरुड़ पुराण के 7 प्रभावी उपाय

तनाव प्रबंधन के लिए गरुड़ पुराण के उपाय
आज के तेज़ और व्यस्त जीवन में मानसिक तनाव एक सामान्य समस्या बन गई है। कार्य का दबाव, पारिवारिक जिम्मेदारियां, और व्यक्तिगत जीवन की जटिलताएं हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। यदि समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह तनाव शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में प्राचीन हिंदू ग्रंथ गरुड़ पुराण में बताए गए कुछ उपाय तनाव से राहत पाने में सहायक हो सकते हैं।
1. नियमित मंत्र जाप और प्रार्थना
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मानसिक शांति के लिए सुबह और शाम ‘ॐ हनुमते नमः’ जैसे मंत्रों का जाप करना बहुत फायदेमंद है। यह मंत्र जाप मन को केंद्रित करता है और नकारात्मक विचारों से मुक्ति दिलाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मंत्र जाप से मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे तनाव कम होता है।
2. हनुमान जी की पूजा और भक्ति
गरुड़ पुराण में हनुमान जी की पूजा को मानसिक शांति के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है। हनुमान जी को संकट मोचन कहा गया है, और उनकी भक्ति से व्यक्ति में साहस और धैर्य का संचार होता है। रोजाना हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने ध्यान लगाना और उनके गुणों का स्मरण करना तनाव को कम करने में मदद करता है।
3. जल एवं दीपक से मानसिक शुद्धि
गरुड़ पुराण के अनुसार मानसिक शांति के लिए घर में जल और दीपक का नियमित उपयोग लाभकारी है। सुबह ताजे जल से हाथ और मुंह धोना और दीपक जलाकर घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना तनाव को दूर करने में सहायक होता है। दीपक का प्रकाश नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और मन को शांति प्रदान करता है।
4. भोजन में सात्विक आहार का महत्व
मानसिक तनाव को कम करने के लिए गरुड़ पुराण में सात्विक भोजन की सलाह दी गई है। ताजे फल, सब्जियां, दूध, घी, और अनाज का सेवन करने से मन शांत और शरीर स्वस्थ रहता है। अत्यधिक तैलीय, मसालेदार और भारी भोजन मानसिक तनाव बढ़ा सकते हैं। सात्विक आहार से मस्तिष्क में संतुलन बना रहता है और तनाव कम होता है।
5. योग और प्राणायाम का अभ्यास
गरुड़ पुराण में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने के लिए योग और प्राणायाम को महत्वपूर्ण बताया गया है। रोजाना 15–20 मिनट का योगाभ्यास और गहरी साँसों के साथ प्राणायाम करने से न केवल तनाव कम होता है, बल्कि शरीर में ऊर्जा का संचार भी बढ़ता है। विशेषकर अनुलोम-विलोम और भ्रामरी प्राणायाम मानसिक शांति देने में अचूक हैं।
6. दान और परोपकार के माध्यम से तनाव मुक्ति
गरुड़ पुराण में कहा गया है कि दान और परोपकार करने से मन का बोझ हल्का होता है। जरूरतमंदों की मदद करना और समाज में सकारात्मक योगदान देना व्यक्ति के आत्मविश्वास और मानसिक संतुलन को बढ़ाता है। जब हम दूसरों की सहायता करते हैं, तो मन में नकारात्मक विचार कम होते हैं और मानसिक तनाव कम होने लगता है।
7. सत्विक संगति और सकारात्मक वातावरण
मन की शांति के लिए गरुड़ पुराण में सकारात्मक और सत्विक संगति बनाए रखने की सलाह दी गई है। ऐसे लोगों के साथ समय बिताएं जो प्रेरणा देते हों और मानसिक रूप से आपको ऊपर उठाते हों। नकारात्मक सोच वाले लोगों से दूरी बनाए रखने से तनाव स्वतः कम होता है। घर और कार्यस्थल का वातावरण भी साफ-सुथरा और शांत होना चाहिए।