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तेलंगाना में ग्राम राजस्व सहायक और अधिकारी की स्थिति में अनिश्चितता

तेलंगाना में ग्राम राजस्व सहायक (वीआरए) और ग्राम राजस्व अधिकारी (वीआरओ) वर्तमान में अनिश्चितता की स्थिति में हैं। वे विभिन्न विभागों में अपनी पुनर्नियुक्ति के लिए स्पष्ट सरकारी आदेशों का इंतजार कर रहे हैं। यह स्थिति राज्य सरकार के निर्णय के कारण उत्पन्न हुई है, जिसमें वीआरए को अन्य विभागों में समाहित किया गया है। प्रभावित कर्मियों ने सरकार से प्रक्रिया को तेज करने और जीपीओ आदेश जारी करने की अपील की है। जानें इस मुद्दे के पीछे की कहानी और इसके प्रभावों के बारे में।
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तेलंगाना में ग्राम राजस्व सहायक और अधिकारी की स्थिति में अनिश्चितता

तेलंगाना में ग्राम राजस्व सहायक और अधिकारी की चिंताएँ

तेलंगाना में ग्राम राजस्व सहायक (वीआरए) और ग्राम राजस्व अधिकारी (वीआरओ) वर्तमान में एक चिंताजनक स्थिति का सामना कर रहे हैं। ये कर्मचारी विभिन्न विभागों में अपनी पुनर्नियुक्ति के लिए स्पष्ट सरकारी निर्देशों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह स्थिति राज्य सरकार के निर्णय के कारण उत्पन्न हुई है, जिसमें वीआरए को विभिन्न विभागों में समाहित करने और वीआरओ प्रणाली को समाप्त करने का निर्णय लिया गया था।
वीआरए कैडर, जो पहले राजस्व विभाग के अंतर्गत कार्यरत था, अब अन्य सरकारी सेवाओं में समाहित हो चुका है। हालांकि, कई वीआरए और समाप्त किए गए वीआरओ अब भी अपने पदस्थापन आदेशों का इंतजार कर रहे हैं, जिससे उनके भविष्य के बारे में चिंता बढ़ गई है।
सरकारी प्राथमिकता आदेश (GPO) जारी करने में देरी ने इन कर्मियों के लिए तनाव और बैकलॉग उत्पन्न कर दिया है। ये कर्मचारी, जिन्होंने प्रशासन के स्तर पर सेवा की है, लंबे समय से स्पष्टता की कमी और अपनी भूमिकाओं के बारे में अनिश्चितता से निराश हैं। उनकी यह स्थिति स्थानीय प्रशासन के कार्यों को भी प्रभावित कर रही है।
प्रभावित वीआरए और वीआरओ ने तेलंगाना सरकार से प्रक्रिया को तेज करने और बिना किसी देरी के जीपीओ आदेश जारी करने की अपील की है। वे अपनी समस्याओं का शीघ्र समाधान चाहते हैं ताकि वे अपनी नई भूमिकाओं में कार्य शुरू कर सकें और अनिश्चितता की स्थिति समाप्त हो सके। यह मामला प्रशासनिक पुनर्गठन में चुनौतियों और सरकारी कर्मचारियों के लिए समय पर संचार की आवश्यकता को दर्शाता है।