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दिल्ली में विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया: जानें आवश्यक जानकारी

दिल्ली में शादियों का सीजन चल रहा है, और इस दौरान विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया को समझना आवश्यक है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, सभी शादियों का पंजीकरण अनिवार्य है। इस लेख में, हम विवाह पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेजों और हिंदू तथा मुस्लिम विवाहों के लिए नियमों की जानकारी प्रदान कर रहे हैं। जानें कैसे आप आसानी से अपनी शादी का पंजीकरण करवा सकते हैं।
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दिल्ली में विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया: जानें आवश्यक जानकारी

दिल्ली में शादियों का सीजन


भारत में इस समय शादियों का उत्सव चल रहा है। हर साल की तरह, इस वर्ष भी बड़ी संख्या में विवाह हो रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, नवंबर से दिसंबर के बीच लगभग 3.5 लाख शादियों का अनुमान है। यदि हम दिल्ली की बात करें, तो यह शादी के मामले में किसी से पीछे नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, दिल्ली में होने वाली सभी शादियों का पंजीकरण अनिवार्य है। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो कानूनी कार्रवाई हो सकती है।


विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया

दिल्ली में विवाह पंजीकरण सभी के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। यदि आप दिल्ली में शादी करने की योजना बना रहे हैं, तो इस प्रक्रिया को ध्यान से समझें। विवाह पंजीकरण के लिए आपके पास दो विकल्प हैं: आप स्वयं एसडीएम कार्यालय जाकर आवेदन कर सकते हैं या फिर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए कुछ आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। यदि शादी हिंदू विवाह अधिनियम के तहत हो रही है, तो 100 रुपये का शुल्क देना होगा। विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह की फीस 150 रुपये है।


आवश्यक दस्तावेज

आवेदन पत्र, आयु का प्रमाण जैसे मैट्रिकुलेशन प्रमाण पत्र, पासपोर्ट या जन्म प्रमाण पत्र, पते के लिए आधार कार्ड या अन्य दस्तावेज, 2 पासपोर्ट साइज फोटो के साथ शपथ पत्र, शादी का कार्ड और शादी की फोटो, पंडित से शादी का प्रमाण पत्र, मौलवी द्वारा दिया गया निकाहनामा आवश्यक हैं। इसके अलावा, गवाही देना भी अनिवार्य है। यदि कोई व्यक्ति पुनर्विवाह कर रहा है, तो उसके पास तलाक का दस्तावेज या मृत्यु प्रमाण पत्र होना चाहिए।


हिंदू और मुस्लिम विवाह पंजीकरण में अंतर

हिंदू और मुस्लिम विवाहों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया लगभग समान है। हालांकि, हिंदू विवाह हिंदू विवाह अधिनियम के तहत होता है, जबकि मुस्लिम विवाह मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के तहत होते हैं। मुस्लिम विवाह विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत पंजीकृत होते हैं। हिंदू विवाह अधिनियम के तहत पूरी प्रक्रिया एक ही दिन में पूरी की जाती है।


वहीं, मुस्लिम विवाह के पंजीकरण के लिए 30 दिन पहले नोटिस देना आवश्यक है और दस्तावेज जमा करने होते हैं। यदि 30 दिन के भीतर कोई आपत्ति नहीं आती है, तो शादी वैध हो जाती है और सर्टिफिकेट जारी किया जाता है।