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दिल्ली-हरियाणा के बीच नई इलेक्ट्रिक बस सेवा की शुरुआत

दिल्ली और एनसीआर के यात्रियों के लिए एक नई इंटर स्टेट इलेक्ट्रिक बस सेवा जल्द ही शुरू होने जा रही है। यह सेवा धौलाकुआं से धारूहेड़ा के बीच चलेगी, जिससे हजारों यात्रियों को राहत मिलेगी। नई बसों की योजना के तहत 100 इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी, जो प्रमुख औद्योगिक और आवासीय क्षेत्रों को जोड़ेंगी। इस सेवा से यात्रा खर्च में कमी, समय की बचत और ट्रैफिक में कमी की उम्मीद है। इसके अलावा, यह पहल प्रदूषण को कम करने में भी मददगार साबित होगी।
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दिल्ली-हरियाणा के बीच नई इलेक्ट्रिक बस सेवा की शुरुआत

दिल्ली और एनसीआर के यात्रियों के लिए नई पहल

दिल्ली और एनसीआर के यात्रियों के लिए सार्वजनिक परिवहन में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। धौलाकुआं से धारूहेड़ा के बीच एक नई इंटर स्टेट इलेक्ट्रिक बस सेवा जल्द ही शुरू होने जा रही है। इस निर्णय से दिल्ली और हरियाणा के बीच यात्रा करने वाले हजारों लोगों को सीधी राहत मिलने की उम्मीद है।


नई बस सेवा की योजना

दिल्ली परिवहन निगम के तहत रोडवेज बेड़े में 100 नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जा रही हैं। इन बसों को मांग के अनुसार विभिन्न रूटों पर चरणबद्ध तरीके से चलाया जाएगा, जिसमें धौलाकुआं से धारूहेड़ा का रूट प्रमुख है।


परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस विस्तार का उद्देश्य बसों की उपलब्धता को बढ़ाना और यात्रियों को समय पर विश्वसनीय सेवा प्रदान करना है।


रूट की जानकारी

नई इलेक्ट्रिक बस सेवा का रूट दिल्ली और हरियाणा के कई महत्वपूर्ण औद्योगिक और आवासीय क्षेत्रों को जोड़ने का कार्य करेगा।


प्रस्तावित प्रमुख पड़ाव:



  • धौलाकुआं

  • राजोकरी बॉर्डर

  • गुरुग्राम

  • मानेसर

  • पंचगांव

  • सिधरावली

  • धारूहेड़ा


यह रूट विशेष रूप से उन क्षेत्रों को कवर करेगा जहां बड़ी संख्या में कर्मचारी और श्रमिक आते-जाते हैं।


लाभार्थियों की पहचान

इस सेवा से सबसे अधिक लाभ उन कर्मचारियों को होगा जो गुरुग्राम और मानेसर औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत हैं। वर्तमान में, इन क्षेत्रों में लोग निजी वाहनों और महंगी कैब सेवाओं पर निर्भर हैं।


परिवहन विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू होने से:



  • यात्रा खर्च में कमी आएगी

  • सफर का समय अधिक अनुमानित रहेगा

  • रोजाना ट्रैफिक का दबाव कम होगा


पर्यावरण पर प्रभाव

इलेक्ट्रिक बसें डीजल बसों की तुलना में शून्य टेलपाइप उत्सर्जन करती हैं, जिससे दिल्ली एनसीआर जैसे प्रदूषण प्रभावित क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।


दिल्ली सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि सरकार का ध्यान सार्वजनिक परिवहन को मजबूत बनाकर निजी वाहनों पर निर्भरता कम करने पर है, जिससे भीड़भाड़ वाले रूटों पर ट्रैफिक और प्रदूषण दोनों को कम किया जा सके।


भविष्य की योजनाएं

पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। 2023 तक, दिल्ली में सैकड़ों इलेक्ट्रिक बसें विभिन्न रूटों पर सफलतापूर्वक चलाई जा चुकी हैं।


परिवहन विभाग के संकेतों के अनुसार, आने वाले महीनों में:



  • और नए इंटर स्टेट रूट जोड़े जा सकते हैं

  • बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जा सकती है

  • स्मार्ट टिकटिंग और रियल टाइम ट्रैकिंग जैसी सुविधाएं लागू हो सकती हैं


यह कदम दिल्ली एनसीआर में टिकाऊ और आधुनिक परिवहन व्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।