दीवार पर घड़ी लगाने के लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार सही दिशा और रंग

दीवार घड़ी का वास्तु शास्त्र
दीवार घड़ी और वास्तु शास्त्र: आज के तकनीकी युग में, जहां मोबाइल और स्मार्टवॉच का प्रचलन बढ़ गया है, दीवार पर घड़ी लगाने की आवश्यकता कम हो गई है। फिर भी, वास्तु शास्त्र में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका बनी हुई है। घर की दीवार पर लगी घड़ी न केवल समय बताती है, बल्कि यह आपके भाग्य और वित्तीय स्थिति पर भी प्रभाव डाल सकती है। वास्तु के अनुसार, यदि घड़ी को गलत दिशा में लगाया जाए, तो यह आर्थिक संकट का कारण बन सकता है।
घड़ी लगाने के लिए शुभ दिशा
घड़ी टांगने की सबसे शुभ जगह
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, घड़ी लगाने के लिए उत्तर, पूर्व और पश्चिम दिशा सबसे शुभ मानी जाती है। इन दिशाओं में घड़ी लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन में प्रगति के अवसर बढ़ते हैं। विशेष रूप से, उत्तर दिशा को लक्ष्मी की दिशा माना जाता है, जिससे घर में समृद्धि बनी रहती है। वहीं, दक्षिण दिशा में घड़ी लगाने से आर्थिक तंगी और तनाव का संकेत मिलता है, इसलिए इस दिशा में घड़ी नहीं लगानी चाहिए।
घड़ी लगाने में सावधानियाँ
किस दिशा में घड़ी लगाना मुश्किल
घड़ी की दिशा के साथ-साथ उसकी स्थिति का भी ध्यान रखना आवश्यक है। घर के मुख्य द्वार के ऊपर घड़ी लगाना वर्जित है। इसके अलावा, पलंग के ऊपर या उसके पास घड़ी नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि इससे मानसिक तनाव और अनिद्रा जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। घड़ी के रंग का भी जीवन पर प्रभाव पड़ता है। वास्तु शास्त्र में सफेद, हल्का सलेटी, आसमानी, हल्का हरा और क्रीम रंग की घड़ियाँ शुभ मानी जाती हैं। ये रंग सकारात्मकता को बढ़ाते हैं।
घड़ी का आकार
गोलाकार घड़ी लगाना सबसे ज्यादा शुभ
वास्तु के अनुसार, दीवार पर लगाई जाने वाली घड़ी का आकार गोल होना चाहिए। गोल आकार की घड़ी ऊर्जा के सहज प्रवाह का प्रतीक मानी जाती है और घर में संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। इसीलिए, सामान्य गोलाकार घड़ी लगाना ज्यादा शुभ माना जाता है। इस तरह, घड़ी केवल एक टाइमपीस नहीं, बल्कि घर की ऊर्जा को नियंत्रित करने वाला महत्वपूर्ण साधन भी है। सही दिशा, रंग और स्थान का ध्यान रखकर आप न केवल सौंदर्य बढ़ा सकते हैं, बल्कि दुर्भाग्य से भी बच सकते हैं।