दीवाली पर मिठाइयों का सेवन: स्वास्थ्य के लिए सावधानियां

दीवाली 2025: मिठाइयों का महत्व और स्वास्थ्य पर प्रभाव
दीवाली 2025: दीवाली का पर्व बिना सोहन पापड़ी, काजू कतली, और अन्य मिठाइयों के अधूरा लगता है। त्योहार के बाद, ये स्वादिष्ट मिठाइयाँ कई हफ्तों तक बिना सोचे-समझे खाई जाती हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
हिंदुस्तान टाइम्स लाइफस्टाइल ने चेन्नई के रेला हॉस्पिटल की सीनियर क्लिनिकल डायटीशियन डॉ. रेशमा अलीम और फार्मास्यूटिकल्स विशेषज्ञ डॉ. सौरभ अरोड़ा से इस विषय पर चर्चा की, जिसमें मिठाइयों की पोषण संबंधी कमियों और लेबल की सच्चाई का खुलासा किया गया।
छिपे हुए खतरे: चीनी, तेल और नमक की अधिकता
डॉ. अलीम ने बताया, "त्योहारों की मिठाइयाँ और नमकीन अक्सर छिपी हुई चीनी, वसा, कृत्रिम स्वाद और प्रिजर्वेटिव से भरी होती हैं। पाम ऑयल का उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, और उच्च सोडियम स्तर बुजुर्गों में रक्तचाप बढ़ा सकता है।"
इससे शुगर स्पाइक, ब्लोटिंग और अपच जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। डायबिटीज, उच्च रक्तचाप या कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए ये खतरे और भी गंभीर हो सकते हैं। बाजार में मिलने वाली कई मिठाइयों में सस्ते मिश्रण जैसे स्टार्च, डिटर्जेंट, वनस्पति घी या सिंथेटिक दूध मिलाया जाता है। चांदी का वर्क भी कभी-कभी एल्यूमिनियम से बदल दिया जाता है।
स्वस्थ विकल्प: संयम और घरेलू तरीके अपनाएं
डॉ. अलीम सलाह देती हैं, "घर पर कम चीनी वाली ताज़ी मिठाइयाँ बनाएं या बेक्ड नमकीन का चयन करें। अधिक पानी पीकर पाचन को बेहतर बनाएं।" संयम से त्योहार का आनंद दोगुना हो जाता है, बिना स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाए।
लेबल देखकर करें चुनाव
डॉ. अरोड़ा ने बताया, "लोग अक्सर स्वाद और कीमत पर ध्यान देते हैं, लेकिन लेबल की अनदेखी करते हैं। त्योहारी गिफ्ट पैक में पोषण संबंधी जानकारी अक्सर गलत या गायब होती है। कंपनियाँ दूसरों के लेबल की नकल कर 70% प्रोटीन जैसी बातें लिख देती हैं, बिना किसी परीक्षण के।" यह एक मार्केटिंग चाल है, न कि सच्चाई।
लेबल कैसे चेक करें? दो आसान स्टेप्स:
FSSAI सर्टिफिकेशन: पैकेज्ड मिठाई पर वैध लाइसेंस अवश्य देखें।
मुख्य सामग्री की जांच करें: चीनी, हाइड्रोजनेटेड ऑयल, कैलोरी, प्रिजर्वेटिव और एक्सपायरी डेट की जांच करें। त्योहार में सतर्क रहें और स्वस्थ दीवाली मनाएं!