नवंबर 2025 में प्रदोष व्रत की तिथियाँ और महत्व
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत नवंबर सोम प्रदोष: प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। यह हर महीने की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत के माध्यम से भक्त भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। शिव को अघदानी कहा जाता है, जो सभी खुशियों का दाता और बाधाओं को दूर करने वाला है।
नवंबर में पहला प्रदोष व्रत: 3 नवंबर, 2025
नवंबर में पहला प्रदोष व्रत: 3 नवंबर, 2025
दृक पंचांग के अनुसार, नवंबर का पहला प्रदोष व्रत सोमवार, 3 नवंबर 2025 को है। त्रयोदशी तिथि सुबह 5:07 बजे प्रारंभ होगी और अगले दिन सुबह 2:05 बजे तक चलेगी। इस दिन भक्त भगवान शिव की पूजा के लिए व्रत रख सकते हैं। प्रदोष काल शाम 5:34 बजे से रात 8:11 बजे तक रहेगा।
नवंबर में दूसरा प्रदोष व्रत: 17 नवंबर, 2025
नवंबर में दूसरा प्रदोष व्रत: 17 नवंबर, 2025
नवंबर का दूसरा प्रदोष व्रत भी सोमवार, 17 नवंबर 2025 को मनाया जाएगा। यह तिथि सुबह 4:47 बजे शुरू होगी और 18 नवंबर को सुबह 7:12 बजे समाप्त होगी। इस दिन पूजा का सही समय शाम 5:27 बजे से रात 8:07 बजे तक रहेगा।
सोम प्रदोष व्रत का महत्व
सोम प्रदोष व्रत का महत्व बताएं
जब प्रदोष व्रत सोमवार को आता है, तो इसे सोम प्रदोष कहा जाता है। सोमवार भगवान शिव का दिन माना जाता है और इस दिन चंद्र देव की भी पूजा की जाती है। यही कारण है कि सोम प्रदोष का महत्व और भी बढ़ जाता है। मान्यता है कि यह व्रत मानसिक तनाव और चिंता को दूर करता है, इच्छाओं को पूरा करता है, शादीशुदा जीवन को खुशहाल बनाता है और पूरे परिवार में सुख-शांति लाता है।
