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नाना पाटेकर की दरियादिली: पाकिस्तानी गोलीबारी से प्रभावित परिवारों की मदद

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नाना पाटेकर ने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी गोलीबारी से प्रभावित परिवारों की मदद की। उन्होंने 117 परिवारों को 42 लाख रुपये की सहायता राशि वितरित की और एक 11 वर्षीय बच्ची की पढ़ाई का खर्च उठाने का वादा किया। नाना ने कहा कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे अपने भाई-बहनों की मदद करें। जानें उनके इस नेक कार्य के बारे में और कैसे उन्होंने सबका दिल जीता।
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नाना पाटेकर की दरियादिली: पाकिस्तानी गोलीबारी से प्रभावित परिवारों की मदद

ऑपरेशन सिंदूर: नाना पाटेकर की मानवीय पहल

ऑपरेशन सिंदूर: बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता नाना पाटेकर ने एक बार फिर अपनी उदारता से सबका दिल जीत लिया है। 22 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के राजौरी गैरीसन में उन्होंने उन परिवारों से मुलाकात की, जो पाकिस्तानी गोलीबारी से प्रभावित हुए थे। यह कार्यक्रम भारतीय सेना के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें 117 परिवारों को 42 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई। नाना की एनजीओ, निरमला गजानन फाउंडेशन, ने इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो उन परिवारों की सहायता के लिए थी, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा पार गोलीबारी में अपने प्रियजनों को खोया या अपने घरों को नुकसान पहुंचा।


ऑपरेशन सिंदूर मई 2025 में भारतीय सेना द्वारा चलाया गया एक बड़ा अभियान था, जिसमें पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए गए थे। इसके जवाब में पाकिस्तान ने राजौरी-पूंछ सीमा पर भारी गोलीबारी की, जिससे कई परिवार बर्बाद हो गए। नाना पाटेकर ने इन परिवारों को पुनर्वास पैकेज देकर न केवल आर्थिक सहायता की, बल्कि भावनात्मक समर्थन भी प्रदान किया। एक 11 वर्षीय बच्ची, जिसके पिता शहीद हो गए थे, की पढ़ाई का खर्च नाना ने खुद उठाने का वादा किया। मुलाकात के दौरान नाना की आंखों में आंसू आ गए और उन्होंने कहा, 'यह कोई एहसान नहीं है। यह हमारी जिम्मेदारी है। जब देश में ऐसी घटनाएं होती हैं, तो हमें अपने भाई-बहनों की मदद करनी चाहिए। सभी को ऐसा ही करना चाहिए।'


नाना पाटेकर की मानवीय भावना


मीडिया से बातचीत में नाना ने कहा कि सरकार ने बहुत कुछ किया है, लेकिन हमें खुद भी आगे आना होगा। 'अगर हम नहीं करेंगे, तो कौन करेगा? यह छोटी-सी मदद है, लेकिन इससे हमें संतोष मिलता है।' फाउंडेशन के ट्रस्टीज के साथ सुबह 10 बजे राजौरी पहुंचे नाना को सेना के जीओसी मेजर जनरल कौशिक मुखर्जी और डिप्टी कमिश्नर अभिषेक शर्मा ने साथ दिया। यह उनकी एनजीओ की सेना के साथ पुरानी साझेदारी का हिस्सा है, जो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 45 आर्मी गुडविल स्कूलों को गोद लेकर चलाती है।


जम्मू कश्मीर में नाना पाटेकर की मदद


नाना पाटेकर, जो अपनी बेहतरीन एक्टिंग के साथ-साथ सामाजिक कार्यों के लिए भी जाने जाते हैं, ने 1999 के कारगिल युद्ध में भी सेना के साथ मिलकर मदद की थी। इस बार भी उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों के खराब रास्तों का मुद्दा उठाया और दिल्ली में अधिकारियों से बात करने का आश्वासन दिया। उनके इस नेक कदम की प्रशंसा की जा रही है। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि नाना जैसे सितारे असली हीरो हैं।