नोएडा में मानसून के दौरान जलभराव की समस्या, IIT से मिलेगी मदद

जलभराव की समस्या का समाधान
नोएडा में मानसून के दौरान हुई भारी बारिश ने प्राधिकरण की तैयारियों की पोल खोल दी है। बारिश के कारण जलभराव की समस्या प्राधिकरण के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। इस मुद्दे के समाधान के लिए, नोएडा प्राधिकरण ने IIT रुड़की के विशेषज्ञों से सलाह ली है। हाल ही में, प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम और डीजीएम सिविल ने IIT के प्रोफेसर कमल जैन के साथ जल निकासी व्यवस्था में सुधार के लिए बैठक की। इस दौरान, IIT की टीम ने जल निकासी व्यवस्था का निरीक्षण किया।
जलभराव के कारण यातायात में बाधा
बारिश के कारण शहर के विभिन्न स्थानों पर जलभराव हो रहा है, जिससे कई मार्गों पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है और लोगों के वाहनों को भी नुकसान हो रहा है। इस समस्या को देखते हुए, प्राधिकरण के सीईओ ने जल निकासी प्रणाली में सुधार के संकेत दिए हैं। वर्तमान में, जल निकासी के स्थान बॉटलनेक बन चुके हैं, जिनमें सुधार के लिए IIT जैसी विशेषज्ञ संस्था से सर्वे कराने के निर्देश दिए गए हैं। पहले, प्राधिकरण ने दावा किया था कि मानसून के दौरान जलभराव की समस्या नहीं होगी, लेकिन बारिश ने उनकी तैयारियों को उजागर कर दिया।
IIT टीम द्वारा सर्वे रिपोर्ट तैयार की जाएगी
गुरुवार को IIT रुड़की के प्रोफेसर कमल जैन ने प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक की और जल निकासी प्रणाली का निरीक्षण किया। प्राधिकरण के अनुसार, IIT अब एक विस्तृत सर्वे रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसके आधार पर सुधार कार्य शुरू किया जाएगा।
सीवर लाइन की मरम्मत के लिए टेंडर जारी
नोएडा प्राधिकरण ने सीवर लाइन की मरम्मत के लिए टेंडर जारी किया है। यह टेंडर नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के समानांतर ग्रीन बेल्ट के दाएं और बाएं तरफ 10.30 किमी से 20 किमी तक गहरी सीवर लाइन की मरम्मत के लिए है। प्राधिकरण के जीएम आरपी सिंह ने बताया कि कंपनी का चयन अभी नहीं हुआ है, लेकिन जल्द ही इसे पूरा किया जाएगा।
यूपी जल निगम की जिम्मेदारी
सीवर लाइन का काम यूपी जल निगम को पूरा करना था, जिसके लिए 2002 में नोएडा प्राधिकरण और यूपी जल निगम के बीच एक एमओयू साइन हुआ था। इस एमओयू को आंशिक रूप से रद्द कर दिया गया है। इस क्षेत्र में उद्योग, संस्थागत, आवासीय और ग्रामीण आबादी लगातार बढ़ रही है, जिससे पहले बिछाई गई सीवरेज लाइन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है।