Newzfatafatlogo

पंजाब पंचायत ने एनर्जी ड्रिंक्स पर लगाया बैन, स्वास्थ्य को प्राथमिकता

पंजाब के संगरूर जिले की उप्पली गांव की पंचायत ने युवाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एनर्जी ड्रिंक्स पर बैन लगाने का निर्णय लिया है। सरपंच जंगी सिंह ने दुकानदारों से इन पेय पदार्थों की बिक्री बंद करने की अपील की है। पंचायत ने नशीले पदार्थों के खिलाफ कड़े नियम भी बनाए हैं। जानें इस फैसले के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 | 
पंजाब पंचायत ने एनर्जी ड्रिंक्स पर लगाया बैन, स्वास्थ्य को प्राथमिकता

पंजाब के संगरूर में स्वास्थ्य के लिए उठाया कदम

पंजाब समाचार: संगरूर जिले के उप्पली गांव की ग्राम पंचायत ने युवाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एनर्जी ड्रिंक्स पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। इस पंचायत में 10 सदस्य हैं, जिनमें चार महिलाएं शामिल हैं, और सदस्यों की उम्र 30 से 42 वर्ष के बीच है। कुछ सदस्यों ने केवल मैट्रिक पास किया है, जबकि अन्य ग्रेजुएट हैं।


सरपंच का समर्थन और दुकानदारों की भूमिका

सरपंच जंगी सिंह ने इस निर्णय का समर्थन किया है। पंचायत ने यह प्रस्ताव रखा है कि किसी भी प्रतिबंधात्मक नियम का उल्लंघन करने पर सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। दुकानदारों ने इस फैसले का स्वागत किया है और गांव के सभी प्रवेश द्वारों पर बैन के बारे में बड़े बैनर लगाए गए हैं।


दुकानदारों से एनर्जी ड्रिंक्स न बेचने की अपील

जंगी सिंह ने दुकानदारों से एक सरल अपील की है। उन्होंने कहा, 'हम पहले चरण में दुकानदारों से एनर्जी ड्रिंक्स बेचना बंद करने का अनुरोध करेंगे।' पंचायत ने प्रवासियों की पुलिस जांच का भी आदेश दिया है। सरपंच ने बताया कि कुछ दुकानदारों ने नुकसान की चिंता जताई थी, लेकिन इसे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जा रहा है।


बैन का कारण

सिंह ने बताया कि यह प्रतिबंध तब लगाया गया जब उन्हें पता चला कि कई एनर्जी ड्रिंक्स में नशीले पदार्थ होते हैं। गांव के लोग चिंतित थे और डॉक्टरों ने भी बच्चों को इन पेय पदार्थों से दूर रहने की सलाह दी है। ये पेय बड़ी मात्रा में बेचे जाते थे।


मेडिकल दुकानों के लिए निर्देश

पंचायत ने एनर्जी ड्रिंक्स के अलावा कई अन्य कड़े प्रस्ताव भी तैयार किए हैं। गांव में नशीले पदार्थ बेचने या पीने पर कोई सामुदायिक समर्थन नहीं होगा। मेडिकल दुकानों को बिना वैध परमिट के सिरिंज न बेचने का निर्देश दिया गया है और नियमों को लागू करने के लिए एक अनिवार्य प्रक्रिया शुरू की गई है।


सामाजिक व्यवस्था के मानदंड

सरपंच जंगी सिंह ने कहा, 'सामाजिक व्यवस्था के मानदंड लागू किए गए हैं। जो लोग उप्पल में बसने के इच्छुक हैं, उन्हें अनुमति नहीं दी जाएगी। गांव में रहने वाले प्रवासियों को बैकग्राउंड जांच करानी होगी और रिपोर्ट पंचायत को सौंपनी होगी। कोई मतदाता पहचान पत्र या अन्य पहचान पत्र जारी नहीं किया जाएगा। संपत्ति की बिक्री केवल परिवार की सहमति से होगी।'


शोर और सार्वजनिक उपद्रव पर नियंत्रण

इस प्रस्ताव ने शोर और सार्वजनिक उपद्रव को नियंत्रित करने में मदद की है। जिले के नियमों के अनुसार, शादियों में डीजे का संगीत रात 10 बजे तक ही बदला जा सकता है। गांव में साउंड सिस्टम वाले ट्रैक्टरों को प्रवेश करने से रोका गया है, और तेज आवाज वाले हॉर्न या पटाखे बजाने वाले मोटरसाइकिल चालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।