पायल गेमिंग का विवाद: वायरल वीडियो और डिजिटल सुरक्षा के मुद्दे
पायल धारे का विवादास्पद MMS वीडियो
भारत की प्रमुख गेमिंग इन्फ्लुएंसर, पायल धारे, जिन्हें 'पायल गेमिंग' के नाम से जाना जाता है, इन दिनों एक गंभीर विवाद का सामना कर रही हैं। एक कथित MMS वीडियो के वायरल होने के बाद उनके नाम को गलत तरीके से जोड़ा जा रहा है। विशेषज्ञों और उनके प्रशंसकों का मानना है कि यह वीडियो पूरी तरह से नकली और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा निर्मित (डीपफेक) है।
हाल के दिनों में, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, विशेषकर X (पूर्व में ट्विटर) और टेलीग्राम पर एक MMS वीडियो तेजी से फैल रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिख रही लड़की पायल हैं। इस घटना के बाद, पायल के लाखों प्रशंसक काफी नाराज हैं और उन्होंने इस दुष्प्रचार के खिलाफ आवाज उठाई है। उनके फैंस का कहना है कि यह वीडियो पायल की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया है। हाल ही में एक 19 मिनट का वायरल वीडियो सामने आया था, जिसे बाद में फर्जी करार दिया गया। पुलिस ने भी पुष्टि की है कि यह वीडियो एआई द्वारा निर्मित था।
पायल गेमिंग की पहचान
जानिए कौन हैं पायल गेमिंग
25 वर्षीय पायल धारे भारत के ऑनलाइन गेमिंग समुदाय में एक प्रमुख नाम हैं। उनके यूट्यूब चैनल पर 45 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं, और इंस्टाग्राम पर उन्हें 42 लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। वह न केवल गेमिंग के लिए, बल्कि लाइफस्टाइल कंटेंट के लिए भी जानी जाती हैं। इसके अलावा, उन्होंने फराह खान और सामंथा रुथ प्रभु जैसी फिल्मी हस्तियों के साथ भी काम किया है।
डिजिटल सुरक्षा के मुद्दे
डिजिटल सिक्युरिटी पर सवाल
पायल के साथ घटित यह घटना डिजिटल सुरक्षा के कई गंभीर सवाल उठाती है। डीपफेक तकनीक का उपयोग किसी भी व्यक्ति के चेहरे को किसी भी वीडियो में आसानी से जोड़ने के लिए किया जा सकता है। इसका दुरुपयोग महिलाओं और सार्वजनिक हस्तियों को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है।
पुलिस की चेतावनी
पुलिस ने दी ये चेतावनी
हाल ही में हरियाणा साइबर सेल के अधिकारी अमित यादव ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें बताया गया कि कोई भी व्यक्ति वेबसाइट siteengine.com पर जाकर यह जान सकता है कि कोई फोटो या वीडियो एआई द्वारा निर्मित है या नहीं। उन्होंने यह भी बताया कि यदि आपने इस तरह के वीडियो साझा किए, तो आपको गंभीर कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम 2000 की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए जा सकते हैं।
