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पैन कार्ड: वित्तीय लेन-देन में अनिवार्य दस्तावेज

पैन कार्ड भारत में वित्तीय लेन-देन के लिए एक अनिवार्य दस्तावेज है। यह 10 अंकों का अद्वितीय नंबर है, जो आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है। उच्च आय वाले व्यक्तियों को हर साल आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, बैंक खाता खोलने, शेयर बाजार में निवेश करने और क्रेडिट या डेबिट कार्ड बनवाने के लिए भी पैन कार्ड जरूरी है। जानें कि पैन कार्ड का सही उपयोग कैसे किया जाए और इसके महत्व को समझें।
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पैन कार्ड: वित्तीय लेन-देन में अनिवार्य दस्तावेज

पैन कार्ड का महत्व


भारत में पैन कार्ड का उपयोग वित्तीय लेन-देन के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह एक 10 अंकों का अद्वितीय अल्फ़ान्यूमेरिक नंबर है, जिसे आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है। बड़े वित्तीय लेन-देन के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता होती है।


हर साल, उच्च आय वाले व्यक्तियों को आयकर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य होता है। जिनकी वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है, उन्हें आईटीआर दाखिल करने के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता होती है। बिना पैन कार्ड के, इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया जा सकता।


इसके अलावा, पैन कार्ड का होना कई अन्य जगहों पर भी आवश्यक है। जैसे कि बैंक खाता खोलने के लिए, शेयर बाजार में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती है, जिसके लिए भी पैन कार्ड जरूरी है। 50 हजार रुपये से अधिक के लेन-देन के लिए भी पैन कार्ड की जरूरत होती है। क्रेडिट और डेबिट कार्ड बनवाने के लिए भी पैन कार्ड आवश्यक है।


यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एक व्यक्ति केवल एक ही पैन कार्ड बना सकता है। जीवन भर एक ही पैन नंबर दिया जाता है, जिसका उपयोग वित्तीय लेन-देन के लिए किया जाता है।