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प्रधानमंत्री मोदी ने साझा की ओम प्रकाश साहू की प्रेरणादायक कहानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में झारखंड के ओम प्रकाश साहू की प्रेरणादायक कहानी साझा की। ओम प्रकाश ने नक्सलवाद का रास्ता छोड़कर मछली पालन शुरू किया, जिससे न केवल उनकी जिंदगी में बदलाव आया, बल्कि उनके समुदाय में भी सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिला। पीएम मोदी ने बताया कि कैसे ओम प्रकाश ने अपने जैसे अन्य युवाओं को भी प्रेरित किया और गुमला में मछली पालन की क्रांति शुरू की। यह कहानी हमें सिखाती है कि सही मार्ग और दृढ़ विश्वास से कठिन परिस्थितियों में भी विकास संभव है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने साझा की ओम प्रकाश साहू की प्रेरणादायक कहानी

ओम प्रकाश साहू की प्रेरणा

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 124वें एपिसोड में झारखंड के गुमला जिले के युवा ओम प्रकाश साहू की प्रेरणादायक यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि कैसे ओम प्रकाश ने नक्सलवाद का मार्ग छोड़कर मछली पालन के माध्यम से न केवल अपनी जिंदगी में बदलाव लाया, बल्कि अपने समुदाय में भी सकारात्मक परिवर्तन लाए।


पीएम मोदी ने कहा, "मेरे प्यारे देशवासियों, कभी-कभी सबसे अधिक रोशनी उसी स्थान से निकलती है, जहां सबसे अधिक अंधेरा होता है। झारखंड का गुमला जिला इसका एक उदाहरण है। पहले यह क्षेत्र माओवादी हिंसा के लिए जाना जाता था। बसिया प्रखंड के गांव वीरान हो रहे थे, लोग डर के साए में जी रहे थे। रोजगार की कोई संभावना नहीं थी, जमीनें खाली पड़ी थीं और युवा पलायन कर रहे थे... लेकिन फिर, धीरे-धीरे एक बदलाव की शुरुआत हुई। ओम प्रकाश साहू ने हिंसा का रास्ता छोड़कर मछली पालन शुरू किया और अपने दोस्तों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित किया। उनके प्रयासों का सकारात्मक असर हुआ। जो लोग पहले बंदूकें थामे रहते थे, अब उन्होंने मछली पकड़ने के जाल थाम लिए हैं।"


पीएम मोदी ने आगे बताया कि ओम प्रकाश का सफर आसान नहीं था। उन्होंने कहा, "साथियों, ओम प्रकाश साहू की शुरुआत में कई चुनौतियाँ थीं। विरोध प्रदर्शन हुए, धमकियाँ मिलीं, लेकिन उनका हौसला कम नहीं हुआ। जब 'प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना' शुरू हुई, तो उन्हें नई ऊर्जा मिली। उन्हें सरकार से प्रशिक्षण मिला और तालाब बनाने में सहायता मिली... देखते ही देखते गुमला में मछली पालन की क्रांति शुरू हो गई। आज बसिया प्रखंड के 150 से अधिक परिवार मछली पालन से जुड़े हुए हैं। कई ऐसे लोग हैं जो कभी नक्सली संगठन में थे, अब गांव में सम्मान के साथ जीवन बिता रहे हैं और दूसरों को रोजगार दे रहे हैं। गुमला का यह सफर हमें सिखाता है कि यदि रास्ता सही हो और मन में विश्वास हो, तो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी विकास की किरण जलायी जा सकती है।"


पीएम ने कहा, "जो लोग पहले बंदूकें थामे थे, अब मछली पकड़ने के जाल थाम रहे हैं। ओम प्रकाश की कहानी यह सिखाती है कि सही मार्ग और दृढ़ विश्वास हो तो सबसे कठिन हालात में भी बदलाव लाया जा सकता है। गुमला का यह परिवर्तन विकास की शक्ति को दर्शाता है।"