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फाइटर जेट में इस्तेमाल होने वाला ईंधन: जानें इसके रहस्य

फाइटर जेट्स का महत्व आधुनिक युद्ध में अत्यधिक बढ़ गया है। इस लेख में हम जानेंगे कि फाइटर जेट्स में किस प्रकार का ईंधन उपयोग होता है, इसके विभिन्न प्रकार और एडिटिव्स के बारे में। क्या आप जानते हैं कि फाइटर जेट्स में पेट्रोल के बजाय केरोसिन का इस्तेमाल होता है? आइए, इस विषय पर और गहराई से चर्चा करें।
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फाइटर जेट में इस्तेमाल होने वाला ईंधन: जानें इसके रहस्य

फाइटर जेट का महत्व


हाल के दिनों में फाइटर जेट्स चर्चा का विषय बने हुए हैं, चाहे वह भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव हो, इजराइल-हमास का संघर्ष हो या रूस-यूक्रेन का युद्ध। आधुनिक युद्ध में, किसी भी देश के लिए बिना उन्नत फाइटर जेट और मिसाइलों के विजय प्राप्त करना संभव नहीं है। जब हम फाइटर जेट्स को देखते हैं, तो हमारे मन में कई प्रश्न उठते हैं, जैसे कि ये कैसे उड़ते हैं और इनमें किस प्रकार का ईंधन उपयोग होता है। आइए, हम इस प्रश्न का उत्तर जानते हैं।


फाइटर जेट में कौन सा ईंधन प्रयोग होता है?

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि फाइटर जेट्स में पेट्रोल के बजाय केरोसिन, जिसे मिट्टी का तेल भी कहा जाता है, का उपयोग किया जाता है। हालांकि, इसका मूल्य सामान्य केरोसिन के समान नहीं होता। पहले केरोसिन को अच्छी तरह से रिफाइन किया जाता है और उसके बाद जो ईंधन तैयार होता है, उसका उपयोग जेट्स में किया जाता है। यह टर्बाइन इंजन, टर्बोप्रॉप और जेट इंजन में प्रयोग होता है। फाइटर जेट्स में केरोसिन के दो प्रकार, जेट ए और जेट ए1, का इस्तेमाल किया जाता है। यह ईंधन कम हिमांक बिंदु के साथ आता है और इसकी विशेषता यह है कि यह पेट्रोल की तुलना में कम ज्वलनशील होता है।


फाइटर जेट ईंधन में एडिटिव्स

इस ईंधन में एंटी-स्टेटिक रसायन, डी-आइसिंग एजेंट, एंटी-कोरोसिव और एंटी-बैक्टीरियल एजेंट मिलाए जाते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि जेट ईंधन विभिन्न मौसम की परिस्थितियों में प्रभावी ढंग से काम कर सके। इस ईंधन को एविएशन गैसोलीन के नाम से भी जाना जाता है। फाइटर जेट ईंधन की कीमत पेट्रोल से थोड़ी अधिक होती है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस राज्य में इसे सब्सिडी दी जाती है।