बाबा खाटू श्याम: कलियुग के संकट मोचन की कथा

बाबा खाटू श्याम का परिचय
भारत की धार्मिक परंपराओं में कई संत और देवता हैं, जिनकी पूजा सदियों से होती आ रही है। इनमें से एक प्रमुख नाम बाबा खाटू श्याम का है, जिनकी भक्ति विशेष रूप से राजस्थान और उसके आस-पास के क्षेत्रों में की जाती है। क्या आप जानते हैं कि बाबा खाटू श्याम कौन हैं और उन्हें कलियुग में पूजा जाने का वरदान कैसे मिला? आइए, उनकी पौराणिक कथा और महत्व को समझते हैं।
बाबा खाटू श्याम का असली नाम
बाबा खाटू श्याम का वास्तविक नाम बारत सिंह या बारटसिंह है, जो महाभारत काल के महान योद्धा बारात युद्ध के शूरवीर बारत के वंशज माने जाते हैं। वे श्रीनाथजी के परम भक्त और भगवान कृष्ण के अनन्य सेवक थे। खाटू श्याम जी को भगवान कृष्ण का अवतार भी माना जाता है, जो मानवता की रक्षा और कल्याण के लिए धरती पर आए।
उनका मुख्य मंदिर राजस्थान के श्री खाटू में स्थित है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
कलियुग में पूजा का वरदान
कहानी के अनुसार, जब भगवान कृष्ण ने पृथ्वी छोड़ने का समय निकट पाया, तब उन्होंने अपने भक्तों को आशीर्वाद दिया कि वे कलियुग में भी उनके रूप में पूजा और ध्यान किए जाएं। बाबा खाटू श्याम को भी भगवान कृष्ण ने वरदान दिया कि वे कलियुग में मनुष्यों की रक्षा और कष्टों का नाश करेंगे।
इस वरदान के तहत, बाबा खाटू श्याम की पूजा कर भक्त अपने सारे कष्टों से मुक्त हो सकते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि पा सकते हैं। यही कारण है कि आज भी बाबा खाटू श्याम की पूजा भक्तिभाव से की जाती है, खासकर राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, और आसपास के क्षेत्रों में।
भक्तों के लिए महत्व
बाबा खाटू श्याम को संकट मोचन के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त उनके नाम का जाप और भजन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। वे दुष्टों का नाश करने वाले और अपने भक्तों के उद्धारकर्ता हैं।
उनकी भक्ति में ‘श्याम सेवा समिति’ और ‘श्याम भक्त मंडल’ जैसे कई संगठन काम करते हैं, जो सामाजिक और धार्मिक कार्यों में लगे हुए हैं।
खाटू श्याम का मंदिर और त्योहार
राजस्थान के श्री खाटू गांव में स्थित बाबा खाटू श्याम का भव्य मंदिर लाखों श्रद्धालुओं का केन्द्र है। यहाँ हर साल माघ माह में ‘शाम मेला’ का आयोजन होता है, जिसमें हजारों की संख्या में भक्त बाबा के दर्शन के लिए आते हैं।
मेला में भक्त विशेष रूप से झांकी और भजन-कीर्तन के माध्यम से बाबा खाटू श्याम की महिमा का गुणगान करते हैं।
पूजा की विशेषता
बाबा खाटू श्याम की पूजा में विशेष रूप से ‘बाजरा’ और ‘चूरमा’ चढ़ाया जाता है। भक्त मानते हैं कि ये प्रसाद बाबा को बहुत प्रिय है। इसके अलावा, भक्त अपना मनोवांछित फल पाने के लिए मंदिर में दीया जलाते हैं और ‘श्याम नाम’ का जाप करते हैं।