बिहार में मिली अमेरिकी मछली: कोलासी नदी में अनोखी खोज

बिहार के कटिहार में मछुआरों की अद्भुत खोज
बिहार में अमेरिकी मछली का मिलना: कटिहार जिले की कोलासी नदी हाल ही में एक अनोखी मछली की खोज के कारण चर्चा में है। यह मछली, जो आमतौर पर अमेरिका की अमेज़न नदी में पाई जाती है, ने स्थानीय मछुआरों को चौंका दिया है और पूरे क्षेत्र में जिज्ञासा का विषय बन गई है। इस मछली की खोज ने लोगों में उत्सुकता और आश्चर्य का संचार किया है।
कटिहार के एक अनुभवी मछुआरे, पारस महालदार, जो पिछले 42 वर्षों से मछली पकड़ने का कार्य कर रहे हैं, ने इस अनोखी मछली को कोलासी नदी में अपने जाल में फंसते देखा। उन्होंने कहा, “मैंने अपने पूरे करियर में ऐसी मछली पहले कभी नहीं देखी।” जब यह मछली उनके जाल में आई, तो वे अत्यंत आश्चर्यचकित रह गए। उन्होंने इसकी तस्वीरें कई लोगों को भेजीं, जिसके बाद इसे 'सकरमाउथ कैटफिश' के रूप में पहचाना गया। इसकी विशेषताएँ इसे अन्य मछलियों से अलग बनाती हैं।
मछली की विशेषताएँ:
'सकरमाउथ कैटफिश' अपनी अनोखी संरचना के लिए जानी जाती है। यह मछली कठोर और कांटेदार होती है, जिससे इसे पकड़ना कठिन होता है। इसका स्वाद भी अच्छा नहीं होता, इसलिए इसे खाने के लिए नहीं पकड़ा जाता। यह मछली लगभग एक किलोग्राम वजन की होती है और देखने में अजीब लगती है। पारस ने बताया, “इस मछली के ऊपर चार आँखों जैसी संरचनाएँ हैं, जो इसे और भी अनोखा बनाती हैं।” इसकी विचित्र बनावट के कारण लोग इसे देखने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं।
मछुआरों की चिंताएँ और वन विभाग से अपील:
इस मछली को देखने के लिए लोगों की भीड़ बढ़ रही है, लेकिन यह मछुआरों के लिए समस्या बन रही है। पारस ने इसे पानी में जिंदा रखा है और इसे चारा भी दे रहे हैं। लेकिन बार-बार छूने से मछली के पंख टूट रहे हैं और इसके चेहरे पर दाग पड़ रहे हैं। इस स्थिति से चिंतित पारस ने वन विभाग और मछली पालन विभाग से मदद की अपील की है। वे चाहते हैं कि अधिकारी इस दुर्लभ मछली को संरक्षित करें। पारस ने कहा, “अगर वन विभाग या मछली पालन विभाग के अधिकारी हमसे संपर्क करते हैं, तो हम इस मछली को उन्हें सौंप देंगे।”