बिहार सरकार की पशु चिकित्सा सेवाओं में नई उपलब्धियां

पशु चिकित्सा सेवाओं में महत्वपूर्ण प्रगति
बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में पशु चिकित्सा सेवाओं में उल्लेखनीय प्रगति की है। जनवरी 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष सरकारी स्तर पर 45.70 लाख पशुओं को चिकित्सा सेवाएं प्रदान की गई हैं। इसी दौरान 1.54 लाख पशुओं का नसबंदी, 27,262 नमूनों की पैथोलॉजिकल जांच और 36.90 लाख पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान किया गया है।
पशु चिकित्सा शिविरों का आयोजन
बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने एम्बुलेट्री वैन के माध्यम से 3167 पशु चिकित्सा शिविर आयोजित किए। इन शिविरों में 4.18 लाख पशुओं का उपचार किया गया और 5712 नमूनों की पैथोलॉजिकल जांच की गई। इस पहल ने दूरदराज के क्षेत्रों में पशुपालकों तक पहुंच बनाने में सफलता प्राप्त की है।
टीकाकरण में अभूतपूर्व वृद्धि
करीब 7 करोड़ पशुओं का हुआ टीकाकरण
पिछले 20 वर्षों में बिहार ने पशु चिकित्सा सुविधाओं में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। वित्तीय वर्ष 2006-07 में जहां 24.96 लाख पशुओं को चिकित्सा मिली थी, वहीं अब यह संख्या 45 लाख से अधिक हो गई है। कृत्रिम गर्भाधान की संख्या भी 2.38 लाख से बढ़कर 44 लाख से अधिक हो गई है। इस वर्ष लगभग 7 करोड़ पशुओं का टीकाकरण किया गया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
पशुपालकों के लिए बेहतर सेवाएं
पशुपालकों के द्वार तक पहुंची पशु चिकित्सा सेवा
बिहार सरकार ने पशु चिकित्सा सेवाओं के बुनियादी ढांचे में तेजी से सुधार किया है। वर्ष 2005 तक बिहार में केवल 814 पशु चिकित्सालय थे, जो अब बढ़कर 1,135 हो गए हैं। सभी जिला मुख्यालयों में 24X7 चिकित्सा सेवाएं शुरू की गई हैं। 58 एम्बुलेट्री वैन और 534 मोबाइल पशु चिकित्सा यूनिट के साथ, अब गांव-गांव में पशुपालकों को चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं। यह सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह पशुपालन क्षेत्र को सशक्त बनाने और पशुपालकों की आजीविका को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है।