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बीयर की कीमत में छिपे रहस्यों का खुलासा

क्या आपने कभी सोचा है कि बीयर की कीमत इतनी क्यों होती है? इस लेख में हम जानेंगे कि एक बोतल बीयर की असली लागत क्या है और क्यों यह महंगी महसूस होती है। हम विभिन्न टैक्स और लागत के हिस्सों का ब्योरा देंगे, जिससे आपको पता चलेगा कि आपकी जेब से निकले पैसे का कितना हिस्सा असली बीयर के लिए जाता है।
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बीयर की कीमत में छिपे रहस्यों का खुलासा

बीयर की कीमत का रहस्य

जब भी हम किसी रेस्टोरेंट, बार या शराब की दुकान से बीयर की बोतल खरीदते हैं, तो उसकी कीमत सुनकर अक्सर यही सवाल मन में आता है—क्या बीयर वाकई इतनी महंगी होती है? उदाहरण के लिए, किंगफ़िशर जैसी लोकप्रिय बीयर की बोतल की कीमत लगभग ₹180 होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस बोतल में असली बीयर की लागत मात्र ₹30 होती है?


इसका मतलब है कि आपकी जेब से निकले ₹180 में से केवल ₹30 असली बीयर के लिए खर्च होते हैं, जबकि बाकी पैसे विभिन्न हिस्सों में बंट जाते हैं। ये हिस्से होते हैं—सरकारी टैक्स, कंपनी का मुनाफा, डिस्ट्रीब्यूटर और रिटेलर का हिस्सा, लॉजिस्टिक्स, पैकेजिंग और ट्रांसपोर्टेशन की लागत। यही कारण है कि हर घूंट के साथ बीयर महँगी महसूस होती है।


आइए विस्तार से समझते हैं कि एक बोतल बीयर पर आपकी जेब से निकले पैसों का ब्योरा किस तरह बंटता है।


1. असली बीयर की लागत – ₹30


बीयर बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल जैसे जौ, हॉप्स, यीस्ट और पानी की कीमत बहुत ज्यादा नहीं होती। हालांकि, बनाने की प्रक्रिया में तकनीक और समय लगता है, लेकिन बड़े पैमाने पर उत्पादन होने के कारण इसकी औसत लागत कम हो जाती है।


कंपनी को एक बोतल में असली बीयर भरने की शुद्ध लागत लगभग ₹30 होती है। इसमें कच्चे माल के साथ-साथ उत्पादन संयंत्र में लगने वाला बिजली-पानी, श्रमिकों का वेतन और बुनियादी रखरखाव भी शामिल होता है। लेकिन इसके बाद असली खेल शुरू होता है।


2. उत्पाद शुल्क (Excise Tax) – ₹70


भारत में शराब और बीयर पर सबसे बड़ा बोझ उत्पाद शुल्क का होता है। राज्य सरकारें इसे अपने राजस्व का बड़ा हिस्सा मानती हैं, इसलिए इस पर भारी टैक्स लगाया जाता है।


किंगफ़िशर जैसी एक बोतल पर औसतन ₹70 सिर्फ एक्साइज टैक्स के रूप में वसूले जाते हैं। इसका मतलब है कि आपने बोतल के लिए ₹180 खर्च किए, तो लगभग 40% हिस्सा सीधा सरकार की जेब में चला जाता है।


3. वैट (VAT) – ₹35


एक्साइज टैक्स के अलावा उपभोक्ता को वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) भी चुकाना पड़ता है। इसकी दर अलग-अलग राज्यों में भिन्न होती है, लेकिन औसतन यह ₹35 प्रति बोतल के आसपास होती है।


4. डिस्ट्रीब्यूटर और रिटेलर का हिस्सा – ₹20


बीयर सीधे कंपनी से उपभोक्ता तक नहीं पहुँचती। इसके लिए वितरण का बड़ा नेटवर्क होता है।


5. कंपनी का मुनाफ़ा – ₹15


कंपनी को ब्रांड प्रमोशन, विज्ञापन, सेल्स टीम और रिसर्च पर भारी खर्च करना पड़ता है।


6. परिवहन और पैकेजिंग – ₹10


बीयर बनाने के बाद उसे पैक करके उपभोक्ता तक पहुँचाना भी एक चुनौती है।


7. कुल लागत का ब्योरा


अगर पूरे समीकरण को देखें तो ₹180 की एक बोतल कुछ इस तरह बंट जाती है:


  • असली बीयर की लागत: ₹30
  • उत्पाद शुल्क (Excise): ₹70
  • वैट (VAT): ₹35
  • डिस्ट्रीब्यूटर/रिटेलर का हिस्सा: ₹20
  • कंपनी का मुनाफ़ा: ₹15
  • परिवहन और पैकेजिंग: ₹10
    कुल = ₹180