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भारत का बड़ा कदम: BRICS देशों के साथ रुपये में व्यापार को बढ़ावा

भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के जवाब में BRICS देशों के साथ व्यापार में रुपये के उपयोग को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे इस लेन-देन के लिए Vostro अकाउंट का उपयोग करें। यह कदम रुपये की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को मजबूत करने और डॉलर पर निर्भरता को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। भारत का BRICS देशों के साथ व्यापार बढ़ाने का लक्ष्य है, जिससे व्यापार घाटे को कम किया जा सके।
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भारत का बड़ा कदम: BRICS देशों के साथ रुपये में व्यापार को बढ़ावा

भारत का निर्णय: ट्रंप के टैरिफ के खिलाफ

भारत का निर्णय: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा 50 प्रतिशत टैरिफ लागू करने के बाद, भारत ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे BRICS देशों के साथ व्यापार में लेन-देन पूरी तरह से भारतीय रुपये में करने की अनुमति दें। इसके लिए Vostro अकाउंट का उपयोग किया जाएगा, और अब बैंकों को पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी।


भारत सरकार का यह कदम क्यों है महत्वपूर्ण?

भारत सरकार का यह कदम रुपये की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को मजबूत करने और डॉलर पर निर्भरता को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। खासकर तब जब अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। वर्तमान में, भारतीय व्यापारी लगभग 85% विदेशी व्यापार अमेरिकी डॉलर में करते हैं, लेकिन 10 से 15 प्रतिशत लेन-देन रुपये में होने से डॉलर पर लगभग 100 अरब डॉलर की वार्षिक निर्भरता कम हो जाएगी।


ब्रिक्स: एक महत्वपूर्ण संगठन

ब्रिक्स एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसमें 10 सदस्य देश शामिल हैं: भारत, चीन, रूस, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, इंडोनेशिया और संयुक्त अरब अमीरात। पहले इसमें केवल 5 देश थे, लेकिन 1 जनवरी 2024 से 5 और देश इसके सदस्य बनेंगे। ब्रिक्स का कोई स्थायी मुख्यालय नहीं है, लेकिन इसका वित्तीय संस्थान ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) चीन के शंघाई में स्थित है।


भारत का ब्रिक्स देशों के साथ व्यापार

भारत वर्तमान में ब्रिक्स देशों के साथ कपड़ों, रसायनों और दवाओं का व्यापार कर रहा है, लेकिन अब व्यापार की श्रेणियों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। ट्रंप के टैरिफ के बाद, भारत सरकार इस दिशा में कदम उठाने की योजना बना रही है। ब्रिक्स देशों के साथ व्यापारिक समझौतों के माध्यम से द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा दिया जा सकता है। 2008-09 से 2023-24 तक, भारत का ब्रिक्स देशों के साथ व्यापार लगभग दोगुना हो गया है, लेकिन चीन और रूस के साथ व्यापार घाटा एक चुनौती बना हुआ है।


भारतीय करेंसी में व्यापार को बढ़ावा

व्यापार घाटे को कम करने के लिए, भारत ब्रिक्स देशों के साथ अपनी करेंसी में व्यापार को बढ़ावा दे रहा है। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने और निवेश को आकर्षित करने का अवसर मिलता है। इसलिए, भारतीय सरकार ने रुपये में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि भारतीय व्यापारियों को विशेष वोस्ट्रो खाते प्रदान करना।


अन्य देशों के साथ व्यापार समझौते

ब्रिक्स देशों के अलावा, भारत ने रूस, UAE, मालदीव, मलेशिया, केन्या, श्रीलंका और बांग्लादेश के साथ जो व्यापार समझौते किए हैं, उनका लेन-देन भी भारतीय रुपये में होगा।