भारत के सबसे अमीर हिंदू और मुस्लिम: संपत्ति का अंतर

दौलत की कमी नहीं
दुनिया में धन की कोई कमी नहीं है। हर साल करोड़ों और अरबों की संपत्ति जोड़ने वाले लोग मौजूद हैं। अरबपतियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, और हर वर्ष अमीरों की सूची में नए नाम जुड़ते रहते हैं। भारत में हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के धनी परिवार हैं, जिनके पास अरबों-खरबों के कारोबार हैं। आइए जानते हैं कि भारत के सबसे अमीर हिंदू और मुस्लिम के बीच संपत्ति का कितना अंतर है और किसके पास अधिक धन है।
भारत का सबसे अमीर हिंदू
भारत का सबसे अमीर हिंदू
फोर्ब्स की सूची के अनुसार, मुकेश अंबानी 2025 में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल हैं। वह भारत के सबसे अमीर हिंदू हैं। मुकेश अंबानी विभिन्न क्षेत्रों जैसे दूरसंचार, स्वास्थ्य सेवा, वित्त और मनोरंजन से कमाई करते हैं। पिछले दशक में उनकी संपत्ति में लगातार वृद्धि हुई है।
रिपोर्टों के अनुसार, मुकेश अंबानी प्रतिदिन लगभग 163 करोड़ रुपये कमाते हैं। उनकी आय रिलायंस इंडस्ट्रीज की पेट्रोकेमिकल, तेल और रिटेल कंपनियों से होती है। वह मुंबई में अपने भव्य निवास एंटीलिया में रहते हैं, जिसकी कीमत लगभग 15,000 करोड़ रुपये है। वर्तमान में उनकी कुल संपत्ति 9.20 लाख करोड़ रुपये है, और वह एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
भारत के सबसे अमीर मुस्लिम
भारत के सबसे अमीर मुस्लिम
भारत में सबसे अमीर लोग केवल हिंदू नहीं हैं, बल्कि कुछ मुस्लिम भी हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और कौशल से सफलता प्राप्त की है। अज़ीम प्रेमजी, जो विप्रो लिमिटेड के संस्थापक और अध्यक्ष हैं, भारत के सबसे अमीर मुस्लिम माने जाते हैं। वह अपनी संपत्ति के साथ-साथ अपनी दरियादिली के लिए भी जाने जाते हैं।
संपत्ति का अंतर
दोनों की संपत्ति में क्या अंतर है?
अज़ीम प्रेमजी अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा सामाजिक कार्यों, विशेषकर शिक्षा के लिए दान करते हैं। फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति 1 लाख करोड़ रुपये तक है। हारुन इंडिया फिलैंथ्रोपी लिस्ट 2021 के अनुसार, उन्होंने 9713 करोड़ रुपये दान किए हैं। यदि मुकेश अंबानी और अज़ीम प्रेमजी की संपत्ति की तुलना की जाए, तो उनके बीच 8.2 लाख करोड़ रुपये का अंतर है।