भारत ने अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ उठाए ठोस कदम, व्यापार वार्ता जारी

भारत की व्यापारिक रणनीति
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारतीय उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा के तुरंत बाद, भारत सरकार ने किसानों, उद्यमियों और MSMEs के हितों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही, वाशिंगटन डीसी के साथ व्यापार वार्ताओं को जारी रखने का संकल्प भी दोहराया गया है। सरकार ने ट्रम्प के द्विपक्षीय व्यापार पर दिए गए बयान का संज्ञान लिया है और इसके प्रभावों का अध्ययन कर रही है।
राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा
भारत सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "हमारे किसानों, उद्यमियों और MSMEs के कल्याण को बढ़ावा देना और उनकी रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है। सरकार राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी, जैसा कि अन्य व्यापार समझौतों में किया गया है, जिसमें हाल ही में यूके के साथ किया गया व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता शामिल है।" यह बयान भारत की दृढ़ नीति को दर्शाता है, जो राष्ट्रीय हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।
The Government has taken note of a statement by the US President on bilateral trade. The Government is studying its implications: Govt of India
— News Media (@NewsMedia) July 30, 2025
"India and the US have been engaged in negotiations on concluding a fair, balanced and mutually beneficial bilateral trade agreement… pic.twitter.com/cTDLYgbNAR
व्यापारिक चुनौतियों का सामना
ट्रम्प द्वारा टैरिफ की घोषणा से भारत के प्रमुख निर्यात क्षेत्रों, जैसे दवाइयां, ऑटो पार्ट्स, रत्न और इलेक्ट्रॉनिक्स, पर असर पड़ सकता है। 2024 में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार 129-130 बिलियन डॉलर तक पहुंचा, जिसमें भारत को 45-46 बिलियन डॉलर का अधिशेष प्राप्त हुआ। इस अधिशेष को बनाए रखने के लिए भारत ने पहले भी यूके जैसे देशों के साथ समझौतों में अपने हितों की रक्षा की है। सरकार अब भी अमेरिका के साथ मध्य अगस्त में प्रस्तावित वार्ताओं के माध्यम से एक संतुलित समझौते की दिशा में काम कर रही है।
संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा
भारत ने स्पष्ट किया है कि वह डेयरी और कृषि जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में अमेरिकी मांगों के आगे नहीं झुकेगा। किसानों और छोटे उद्यमियों की आजीविका की सुरक्षा के लिए सरकार कोटा-आधारित आयात प्रणाली जैसे उपायों पर विचार कर रही है। यह रणनीति भारत को वैश्विक व्यापार में अपनी स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगी। भविष्य में, भारत सरकार की यह प्रतिक्रिया न केवल व्यापारिक चुनौतियों का सामना करने की तत्परता को दर्शाती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और छोटे व्यवसायों को कोई नुकसान न पहुंचे।