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भारत में टोल टैक्स छूट: जानें किन्हें मिलती है राहत

भारत में टोल टैक्स का भुगतान सभी वाहन चालकों के लिए अनिवार्य है, लेकिन कुछ विशेष व्यक्तियों और सेवाओं को इस शुल्क से छूट प्राप्त है। जानें कौन-कौन से लोग और वाहन इस राहत का लाभ उठा सकते हैं। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, और आपातकालीन सेवाओं के वाहनों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ता। इसके अलावा, राज्य सरकार की सार्वजनिक परिवहन बसें और दोपहिया वाहन भी इस शुल्क से मुक्त हैं। इस लेख में टोल टैक्स छूट के नियमों और लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
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भारत में टोल टैक्स छूट: जानें किन्हें मिलती है राहत

टोल टैक्स छूट: जानें नियम और लाभ

टोल टैक्स छूट: भारत में ये लोग नहीं देते टोल टैक्स, जानें नियम: भारत के राष्ट्रीय और राजमार्गों पर टोल बूथों से गुजरते समय सभी वाहन चालकों को टोल टैक्स का भुगतान करना होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ विशेष लोग और वाहन इस शुल्क से पूरी तरह मुक्त हैं?


सरकार ने सामाजिक सेवाओं, संवैधानिक पदों और आपातकालीन सेवाओं को ध्यान में रखते हुए कई श्रेणियों के लिए टोल टैक्स में छूट का प्रावधान किया है। यह जानकारी न केवल यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सरकार कैसे आवश्यक सेवाओं को प्राथमिकता देती है।टोल टैक्स छूट


राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा संचालित टोल बूथ सड़क निर्माण, रखरखाव और सुधार के लिए शुल्क लेते हैं। हालांकि, कुछ विशेष व्यक्तियों को इस शुल्क से छूट प्राप्त है।


इनमें भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक, और उच्चतम व उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, सेना, नौसेना, और वायुसेना के वाहनों को भी टोल टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ता। परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, और शौर्य चक्र जैसे वीरता पुरस्कार विजेताओं को भी यह छूट मिलती है, बशर्ते वे संबंधित प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करें।


आपातकालीन सेवाओं जैसे एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, और पुलिस के सरकारी वाहनों को भी टोल टैक्स से छूट प्राप्त है, क्योंकि ये वाहन जीवन रक्षक और सुरक्षा सेवाओं में तैनात रहते हैं।


इसके अलावा, राज्य सरकार की सार्वजनिक परिवहन बसें और दोपहिया वाहन जैसे बाइक और स्कूटर भी इस शुल्क से मुक्त हैं। NHAI ने एक विशेष नियम भी बनाया है, जिसमें 24 घंटे में दो बार एक ही टोल बूथ से गुजरने वाले वाहनों को केवल डेढ़ गुना शुल्क देना पड़ता है। यह जानकारी यात्रियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करती है और टोल नियमों को समझने में मदद करती है।