भारत में शराब की बढ़ती खपत: वैश्विक गिरावट के बीच अपवाद
                           
                        शराब पीने की आदतों में बदलाव
दुनिया भर में शराब के सेवन की आदतों में महत्वपूर्ण परिवर्तन हो रहा है। विकसित देशों में स्वास्थ्य जागरूकता, महंगाई और नई जीवनशैली के कारण लोग शराब से दूर हो रहे हैं, जबकि भारत में इसके सेवन में लगातार वृद्धि हो रही है।
ग्लोबल शराब बाजार में गिरावट
एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक शराब कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है, लेकिन भारत का शराब बाजार नए रिकॉर्ड बना रहा है। भारत अब दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते शराब उपभोक्ता देशों में से एक बन गया है।
गिरावट के कारण
पिछले चार वर्षों में वैश्विक शराब की खपत में कमी आई है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता, बदलती जीवनशैली और महंगाई ने लोगों को शराब से दूर किया है। इसके परिणामस्वरूप, अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अब बिना अल्कोहल वाले विकल्पों की ओर बढ़ रही हैं।
शराब निर्माताओं की स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार, जून 2021 से अब तक दुनिया की 50 प्रमुख शराब कंपनियों के शेयर औसतन 46 प्रतिशत तक गिर चुके हैं। कई कंपनियों के मार्केट वैल्यू में भारी कमी आई है, जिससे यह मंदी कुछ समय तक जारी रह सकती है।
शराब पीने की आदतों में बदलाव
दुनियाभर में शराब पीने की आदतें तेजी से बदल रही हैं। हाल ही में जारी एक सर्वेक्षण के अनुसार, अमेरिका में शराब पीने की दर 1939 के बाद अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है।
पॉप संस्कृति का प्रभाव
पॉप कल्चर भी अब बिना शराब वाली जीवनशैली को बढ़ावा दे रहा है। कई मशहूर हस्तियां बिना अल्कोहल वाले पेय ब्रांड्स का समर्थन कर रही हैं, जिससे पारंपरिक शराब बाजार पर असर पड़ रहा है।
भारत का अपवाद
जबकि दुनिया शराब से दूरी बना रही है, भारत इसका अपवाद है। यहां प्रति व्यक्ति शराब की खपत में लगातार वृद्धि हो रही है, और भारत का शराब बाजार अब 60 अरब डॉलर का हो गया है।
राज्यों में वृद्धि
मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में शराब की खपत में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। इन राज्यों में शराब की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
भारत में शराब की मांग के कारण
भारत की युवा आबादी और बढ़ती आय ने शराब उद्योग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। पिछले दो दशकों में भारतीय महिलाओं में शराब सेवन में भी वृद्धि हुई है।
बड़ी तस्वीर
दुनियाभर में शराब कंपनियां अपने मूल्य गंवा रही हैं, लेकिन भारत में युवा आबादी और बढ़ती आय ने शराब उद्योग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।
