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भारत में शहरों के नाम बदलने का प्रभाव: दस्तावेजों पर क्या होगा असर?

भारत में कई शहरों के नाम बदलने की प्रक्रिया चल रही है, जैसे इलाहाबाद का प्रयागराज और अलीगढ़ का हरिगढ़। इस बदलाव का दस्तावेजों पर क्या असर पड़ेगा, यह जानने के लिए पढ़ें। क्या पुराने दस्तावेजों में कोई परिवर्तन होगा? नए नामों के साथ रेलवे स्टेशन और बस सेवाओं में क्या बदलाव आएंगे? इस लेख में इन सभी सवालों के जवाब दिए गए हैं।
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भारत में शहरों के नाम बदलने का प्रभाव: दस्तावेजों पर क्या होगा असर?

शहरों के नाम परिवर्तन की प्रक्रिया


भारत में कई स्थानों के नामों में बदलाव किया गया है। उदाहरण के लिए, इलाहाबाद को प्रयागराज के नाम से जाना जाता है, और अब अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ रखने की योजना बनाई जा रही है। इसी तरह, मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम पंडित दीन दयाल उपाध्याय रखा गया है। ऐसे में, कई लोग यह जानने के लिए चिंतित हैं कि क्या इन नामों के परिवर्तन से उनके दस्तावेजों जैसे राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, और पहचान पत्र पर कोई प्रभाव पड़ेगा।


दरअसल, किसी शहर या जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाता है। जब यह प्रस्ताव पास हो जाता है, तब ही नाम परिवर्तन की अनुमति मिलती है। इसके बाद, नए नाम का राजपत्रीकरण किया जाता है, जिससे नए नाम को आधिकारिक मान्यता मिलती है।


यदि आपके शहर या जिले का नाम बदल गया है, तो क्या आपके दस्तावेज़ भी बदलेंगे? पहले से जारी दस्तावेजों में कोई परिवर्तन नहीं होता है, यानी आपके पास मौजूद राशन कार्ड या अन्य दस्तावेजों में कोई बदलाव नहीं होगा।


हालांकि, नए दस्तावेजों में पुराने नाम की जगह नया नाम छपा होगा। उदाहरण के लिए, यदि आपने अलीगढ़ में दस्तावेज बनवाए हैं, तो कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन नए दस्तावेजों में शहर का नया नाम हरिगढ़ होगा।


शहर का नाम बदलने से रेलवे स्टेशन का नाम भी बदलता है। नए नाम वाले बोर्ड इन स्टेशनों पर लगाए जाते हैं। यदि आप आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर अपने शहर से किसी अन्य स्थान के लिए ट्रेन टिकट बुक करना चाहते हैं, तो आपको नया नाम दिखाई देगा। उदाहरण के लिए, मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम अब पंडित दीन दयाल उपाध्याय रखा गया है।


यदि आपके शहर का नाम बदलता है, तो आपको रोडवेज बस बुक करते समय नए नाम से स्टेशन मिलेगा। इसलिए, बस टिकट बुक करने के लिए आपको नए नाम से खोज करनी होगी।