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भारतीय प्रोटीन पाउडर की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल

हाल ही में एक अध्ययन में भारतीय प्रोटीन पाउडर की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। केवल एक उत्पाद मानक गुणवत्ता पर खरा उतरा, जबकि अधिकांश में शुगर की मात्रा अधिक और लेबलिंग भ्रामक पाई गई। विशेषज्ञों का कहना है कि ये पाउडर न केवल आम जनता के लिए बल्कि चिकित्सकीय जरूरतों वाले रोगियों के लिए भी उपयुक्त नहीं हैं। जानें इस अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष और विशेषज्ञों की सलाह।
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भारतीय प्रोटीन पाउडर की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल

प्रोटीन पाउडर की गुणवत्ता की जांच


हाल ही में किए गए एक भारतीय अध्ययन में यह सामने आया है कि अधिकांश फार्मा-ग्रेड प्रोटीन पाउडर की गुणवत्ता में कमी है, जबकि इनमें शुगर की मात्रा अधिक और लेबलिंग भ्रामक है। 34 उत्पादों के परीक्षण में केवल एक ही मानक गुणवत्ता पर खरा उतरा।


उपभोक्ताओं के लिए चिंता

विशेषज्ञों का मानना है कि लोग इन पाउडरों के लिए अधिक पैसे खर्च कर रहे हैं, लेकिन गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हो रहा है। ये पाउडर चिकित्सकीय जरूरतों वाले रोगियों के लिए भी उपयुक्त नहीं हैं और आम जनता को भी इनसे कोई लाभ नहीं मिल रहा।


फार्मा और न्यूट्रास्यूटिकल प्रोटीन का अंतर

इस अध्ययन में 18 मेडिकल और 16 न्यूट्रास्यूटिकल प्रोटीन पाउडर शामिल थे। न्यूट्रास्यूटिकल पाउडरों में औसत अमीनो एसिड 82.26g/100g था, जबकि फार्मा-ग्रेड में यह केवल 25.84g/100g पाया गया। आवश्यक अमीनो एसिड की कमी ने मांसपेशियों के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।


लेबलिंग की समस्याएं

83% फार्मा-ग्रेड पाउडर में गलत लेबलिंग की गई है। Fresubin और Prohance जैसे उत्पादों में सस्ती अमीनो एसिड के उच्च स्तर पाए गए हैं, जिससे प्रोटीन की वास्तविक मात्रा को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है। यह उपभोक्ताओं को भ्रमित करता है।


स्वास्थ्य पर प्रभाव

कुछ उत्पादों में भारी धातु, अफ्लाटॉक्सिन और हानिकारक हार्मोन की उच्च मात्रा पाई गई है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है। यह समस्या केवल एक बैच में नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम में फैली हुई है।


प्रमुख ब्रांड्स की स्थिति

B-protein में 0.61g लेयूसीन और 4.83g शुगर पाई गई। Ensure High-Protein में 2.78g लेयूसीन और Protinex में 3.43g फ्रुक्टोज था। कोई भी फार्मा-ग्रेड उत्पाद न्यूनतम आवश्यक अमीनो एसिड मात्रा पर खरा नहीं उतरा।


विशेषज्ञों की सलाह

डॉ. फिलिप्स और डॉ. हेमलथा आर ने चेतावनी दी है कि प्रोटीन पाउडर का सेवन केवल विशेषज्ञ की सलाह पर करना चाहिए। ये संपूर्ण आहार का विकल्प नहीं हैं। उपभोक्ताओं को सुरक्षित उत्पादों के लिए लगातार गुणवत्ता जांच और स्वतंत्र निगरानी की आवश्यकता है।