भारतीय रेलवे में सीट बदलना: जानें इसके कानूनी परिणाम

क्या आप भारतीय रेलवे से यात्रा करना पसंद करते हैं?
क्या आप भी भारतीय रेलवे से यात्रा करना पसंद करते हैं? क्या आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ ट्रेन में सफर करना पसंद करते हैं? यदि हां, तो आप निश्चित रूप से एक साथ सीट बुक करने का प्रयास करेंगे। लेकिन अगर आप अलग-अलग डिब्बों में सीटें बुक करते हैं या एक-दूसरे के सामने वाली सीटें नहीं मिलती हैं, तो आप क्या करेंगे? यदि आपका उत्तर है कि आप सीटों का आदान-प्रदान करते हैं, तो सावधान रहें! रेलवे के नियमों के अनुसार, यह एक कानूनी अपराध है और इसके लिए आपको जेल भी हो सकती है।
रेलवे में कानूनी अपराध क्या हैं?
रेलवे के नियमों के अनुसार, किसी अन्य यात्री के साथ सीट बदलना एक कानूनी अपराध है। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति रेलवे परिसर में बिना अनुमति के सामान बेचता है, तो यह भी अपराध माना जाएगा। ऐसे उल्लंघनों पर भारी जुर्माना और कारावास का मुकदमा चलाया जा सकता है।
1 साल की सजा और 2 हजार रुपये का जुर्माना
भारतीय रेलवे की धारा 144 के तहत, दोषी को कारावास और जुर्माना दोनों का सामना करना पड़ सकता है। बिना अनुमति के सामान बेचने पर 1 साल की कैद और 2 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा, अपनी सीट छोड़कर दूसरी सीट या डिब्बे में यात्रा करना भी एक कानूनी अपराध है, जिसके लिए 250 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
टिकट बेचना भी एक कानूनी अपराध है
यदि आप अपना रेल टिकट काले बाजार में बेचते हैं या किसी और को देते हैं, तो यह भी एक कानूनी अपराध है। ट्रेन टिकट केवल रेलवे के माध्यम से बेचे जा सकते हैं। उनकी अनुमति के बिना टिकट बेचने पर धारा 143 के तहत कार्रवाई की जाती है, जिसके तहत 3 साल की सजा और 10 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। रेलवे के नियमों को जानने के लिए वीडियो देखें...
वेटिंग टिकट पर यात्रा करना भी अपराध है
वेटिंग टिकट पर यात्रा करना भी एक अपराध माना जाता है। यदि आप बिना कन्फर्म टिकट के यात्रा करते हैं या आपका टिकट रद्द हो जाता है, तो आपको 250 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है। टीटीई आपसे किराया भी ले सकता है और आपको अगले स्टेशन पर छोड़ सकता है।