मध्य प्रदेश में किसानों के लिए निर्यात के नए अवसर

किसानों की आमदनी बढ़ाने का नया करार
मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने जानकारी दी है कि नेशनल को-ऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड के साथ हुए समझौते से किसानों को निर्यात के नए अवसर मिलेंगे, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
भोपाल में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के तहत मसालों और हैंडीक्राफ्ट के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर, मध्य प्रदेश राज्य सहकारी संघ और मंडी बोर्ड ने एनसीईएल के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
सारंग ने बताया कि इस समझौते के माध्यम से प्रदेश के किसान निर्यात से लाभान्वित होंगे और उनकी आमदनी में सुधार होगा।
मंत्री ने आगे बताया कि भविष्य की योजनाओं में प्रमुख कृषि उत्पादों की पहचान कर उनके निर्यात की योजना बनाई जाएगी।
भोपाल में आयोजित कार्यशाला का उद्देश्य प्रदेश के विभिन्न उत्पादों, विशेषकर मसालों और हैंडीक्राफ्ट के निर्यात को प्रोत्साहित करना है। इस कार्यशाला में 'मध्य प्रदेश के किसानों को निर्यात के लिए सक्षम बनाना' विषय पर संगोष्ठी आयोजित की जा रही है। इसमें प्रदेश भर से लघु और मध्यम स्तर के मिर्च, धनिया, लहसुन जैसे मसाला उत्पादक किसान, सहकारी समितियां और अन्य उत्पादक समूह शामिल हो रहे हैं।
सारंग ने कहा कि सहकारिता आंदोलन के इतिहास में आज एक महत्वपूर्ण चरण की शुरुआत हो रही है। सहकारिता का सुव्यवस्थित संचालन आवश्यक है, जिससे समाज में विकास और कल्याण को आगे बढ़ाया जा सके। उनका मानना है कि सहकारिता के बिना विकास को आगे बढ़ाना मुश्किल है।
विकसित भारत की दिशा में बात करते हुए, सारंग ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए सहकारी आंदोलन को तेज करना आवश्यक है। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह को पहले केंद्रीय सहकारिता मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है और मध्य प्रदेश ने एनसीईएल की सदस्यता में सबसे अधिक भागीदारी की है।
कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंषाना ने कहा कि पहले कृषि और सहकारिता एक ही थे, लेकिन अब वे अलग हैं। हालांकि, हम अलग हैं, लेकिन दिल से एक हैं।