मध्य प्रदेश में नई सड़क परियोजना से होगा विकास

मध्य प्रदेश में सड़क विकास की नई पहल
मध्य प्रदेश समाचार: मध्य प्रदेश में सड़क निर्माण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने करोड़ों रुपये की लागत से एक आधुनिक सड़क परियोजना को स्वीकृति दी है, जिससे शहरी और ग्रामीण विकास को नया दिशा मिलेगा।
हरदा में भी करोड़ों रुपये की लागत से एक उत्कृष्ट सड़क का निर्माण किया जाएगा, जैसा कि भोपाल में किया गया है। इसके लिए राज्य सरकार से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। जल्द ही प्रताप टॉकीज से फोरलेन हरदाखुर्द तक बेहतरीन सड़क का निर्माण शुरू होगा। इस मार्ग से वाहनों की आवाजाही आसान होगी और पैदल चलने वालों के लिए सड़क के दोनों ओर फुटपाथ भी उपलब्ध होगा। सड़क को आकर्षक बनाने के लिए सात स्थानों पर चौक का निर्माण किया जाएगा।
चौक-चौराहों का सौंदर्यीकरण
देशभर में सड़कों के सौंदर्यीकरण के लिए चौक बनाए जा रहे हैं, जिनमें फव्वारे और पौधे लगाए जा रहे हैं। हरदा के परशुराम चौक से हरदाखुर्द के सामने फोरलेन रोड तक बनने वाली सड़क पर भी सात चौक बनाए जाएंगे। इनमें खंडवा बायपास, साई मंदिर और परशुराम चौक शामिल हैं। चौक के बीच में फव्वारे लगाए जाएंगे और चारों ओर पौधे लगाए जाएंगे।
नए फुटपाथ का निर्माण
हरदा से हरदाखुर्द तक बनने वाली सड़क के दोनों किनारों पर पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए सड़क किनारे की दुकानों के सामने से अतिक्रमण हटाया जाएगा। अब लोग सड़क से ही साई मंदिर तक चलते हैं, जिससे उन्हें वाहन चालकों से टकराने का खतरा होता है। लेकिन नपा द्वारा निर्मित सुंदर सड़क किनारों पर लोगों के लिए बेहतर आकार का फुटपाथ बनाया जाएगा।
डिवाइडर और दो लेन मार्ग
सूत्रों के अनुसार, नगर पालिका ने प्रदेश सरकार को 35.23 करोड़ रुपये की लागत से प्रताप टॉकीज से हरदाखुर्द फोरलेन मार्ग तक 3.75 किमी की नई सड़क बनाने का प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव को तकनीकी मंजूरी मिल गई है। यह सड़क दो लेन की होगी, और बीच में एक डिवाइडर बनाया जाएगा। केंद्रीय लाइट भी डिवाइडर के बीच में होगी, जिससे पूरी सड़क रोशन होगी। डिवाइडर के अंदर हरियाली के लिए पौधे भी लगाए जाएंगे।
तकनीकी अनुमोदन की प्रक्रिया
35.23 करोड़ रुपये की लागत से हरदा के परशुराम चौक से हरदाखुर्द फोरलेन रोड तक 3.75 किमी की सुंदर सड़क का निर्माण किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने सड़क बनाने की तकनीकी अनुमति दी है। अब सैद्धांतिक मंजूरी का इंतजार है। जैसे ही यह मंजूरी मिलेगी, टेंडर प्रक्रिया पूरी की जाएगी, निर्माण एजेंसी का चयन होगा और कार्य प्रारंभ होगा।