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मनीषा कोइराला ने नेपाल में जेनरेशन Z के विरोध पर जताया गुस्सा

नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध के खिलाफ जेनरेशन Z का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस आंदोलन में मनीषा कोइराला ने भी अपनी आवाज उठाई है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट साझा करते हुए सरकार के प्रति अपना गुस्सा व्यक्त किया। मनीषा का नेपाल से गहरा नाता है, और उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी चिंता जाहिर की है। जानें इस विरोध के पीछे की कहानी और मनीषा का क्या कहना है।
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मनीषा कोइराला ने नेपाल में जेनरेशन Z के विरोध पर जताया गुस्सा

नेपाल में युवा प्रदर्शन: मनीषा कोइराला की प्रतिक्रिया

नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध के खिलाफ युवाओं का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जेनरेशन Z ने सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया है। इस आंदोलन की दिल दहला देने वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही हैं। इसी बीच, बॉलीवुड अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने भी इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए इंस्टाग्राम पर तस्वीरें साझा की हैं, जिसमें उन्होंने नेपाल सरकार के प्रति अपना गुस्सा व्यक्त किया है।


मनीषा का दर्द भरा संदेश

मनीषा ने अपने इंस्टाग्राम पर एक भावुक तस्वीर साझा की है, जिसमें एक जूता खून से सना हुआ है। उन्होंने लिखा, 'आज नेपाल के लिए एक बेहद काला दिन है। जनता की आवाज़, भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके गुस्से और न्याय की मांग का जवाब गोलियों से दिया गया है।' इस पोस्ट के बाद, सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में लोगों की एक बड़ी संख्या सामने आई और उन्होंने सरकार से इस हिंसा का जवाब मांगा।


मनीषा कोइराला का नेपाल से संबंध

मनीषा कोइराला का नेपाल से गहरा नाता है। उनका जन्म विराटनगर में एक राजनीतिक परिवार में हुआ था। उनके पिता प्रकाश कोईराला नेपाल सरकार में मंत्री रह चुके हैं, और उनकी दादी नेपाल की पहली महिला मंत्री थीं। मनीषा का परिवार नेपाल की राजनीति में महत्वपूर्ण पदों पर रहा है।


नेपाल सरकार का झुकाव

सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवाओं के दबाव में, नेपाल सरकार ने अपना निर्णय वापस ले लिया है। सरकार ने व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, एक्स (ट्विटर) और अन्य 26 प्लेटफॉर्म्स को फिर से सक्रिय कर दिया है। इस हिंसा में लगभग 20 युवा अपनी जान गंवा चुके हैं।


सोशल मीडिया पर बैन का कारण

नेपाल सरकार ने 4 सितंबर को व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, एक्स (ट्विटर) और अन्य 26 प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर दिया था। सरकार का कहना था कि यह निर्णय अफवाहों को नियंत्रित करने के लिए लिया गया था। इस बैन का सबसे अधिक प्रभाव युवा पीढ़ी पर पड़ा, जिसके चलते वे सड़कों पर उतर आए। इस हिंसा और विरोध में 20 लोगों की जान चली गई, जिससे सोशल मीडिया पर भी हलचल मच गई।