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मलाइका अरोड़ा ने मां की मेहनत और जिम्मेदारी के बारे में साझा की भावनाएं

मलाइका अरोड़ा ने हाल ही में अपने बचपन और मां जॉयस पॉलीकार्प की मेहनत के बारे में भावुकता से बात की। उन्होंने बताया कि कैसे उनकी मां ने उन्हें जिम्मेदार बनाया और उनकी परवरिश में कोई कमी नहीं छोड़ी। मलाइका ने अपनी बहन अमृता की देखभाल करने के अनुभव को साझा किया और बताया कि कैसे यह जिम्मेदारी उनके व्यक्तित्व को आकार देती है। जानें इस प्रेरणादायक कहानी के बारे में और कैसे उनकी मां ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाया।
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मलाइका अरोड़ा ने मां की मेहनत और जिम्मेदारी के बारे में साझा की भावनाएं

मलाइका अरोड़ा की मां की प्रेरणादायक कहानी

प्रसिद्ध टीवी हस्ती मलाइका अरोड़ा ने हाल ही में अपने बचपन, अपनी बहन अमृता अरोड़ा और अपनी मां जॉयस पॉलीकार्प की सिंगल मदर के रूप में परवरिश के बारे में भावुकता से चर्चा की। एक साक्षात्कार में, उन्होंने बताया कि उनकी मां की मेहनत ने उन्हें बचपन से ही 'जिम्मेदार' बना दिया।




मलाइका ने अपनी मां की प्रशंसा करते हुए कहा कि जॉयस ने 'कड़ी मेहनत की और यह सुनिश्चित किया कि हमें सभी आवश्यक चीजें मिलें।' उनके अनुसार, चाहे वह अच्छी शिक्षा हो, पौष्टिक भोजन या कपड़े, उनकी मां ने कभी भी किसी चीज़ की कमी नहीं होने दी।


 


मैंने अमृता की देखभाल की: मलाइका


मलाइका ने बताया, 'मेरी मां के काम करने के कारण मैं अधिक जिम्मेदार बन गई। बहुत छोटी उम्र में ही मुझे एहसास हुआ कि मुझे जिम्मेदार होना चाहिए।' उन्होंने साझा किया कि कैसे वह अपनी छोटी बहन अमृता की देखभाल करने वाली बन गईं और जल्दी ही परिपक्व हो गईं।




इस जिम्मेदारी ने उनके व्यक्तित्व को गहराई से प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने 17 साल की उम्र में काम करना शुरू किया, तो उनका ध्यान पैसे कमाने, बचाने और सही जगह निवेश करने पर था। उन्होंने स्वीकार किया कि यह आदत उन्हें अपनी मां की परवरिश से मिली, क्योंकि सिंगल मदर के बच्चों में कुछ 'असुरक्षाओं' का अनुभव होता है।


 


मलाइका ने अपनी मां की सराहना करते हुए कहा कि जॉयस ने कभी भी उन्हें निराश नहीं किया। उन्होंने 'कभी नहीं कहा कि तुम यह नहीं कर सकते।' मलाइका के अनुसार, उनकी मां ने यह सब अकेले किया, मेहनत की और दोनों बहनों को पाला।




अपनी जिम्मेदारी पर खुलकर बात करते हुए मलाइका ने कहा, 'मैं यह कहकर चुप नहीं रह सकती कि 'मुझे काम नहीं करना।' वह आजादी तो है ही नहीं।' यह दर्शाता है कि कैसे उनकी परवरिश ने उन्हें एक मजबूत और आत्मनिर्भर महिला बना दिया है।