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महाभारत के अर्जुन: प्रेम की कहानियाँ और आकर्षण

महाभारत के अर्जुन की कहानियाँ उनकी अद्वितीय सुंदरता और आकर्षण के इर्द-गिर्द घूमती हैं। इस लेख में जानें कि कैसे अर्जुन ने चित्रांगदा, उलूपी और सुभद्रा जैसी महिलाओं का दिल जीता। उनके जीवन में प्रेम, विवाह और संघर्ष की अनकही कहानियाँ हैं, जो न केवल रोमांचक हैं बल्कि पौराणिक कथाओं में गहराई भी लाती हैं। क्या आप जानते हैं कि दुर्योधन की पत्नी भी अर्जुन की प्रशंसक थी? इस लेख में और भी दिलचस्प जानकारियाँ हैं।
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महाभारत के अर्जुन: प्रेम की कहानियाँ और आकर्षण

अर्जुन का आकर्षण


महाभारत के पांडवों में अर्जुन का रूप और आकर्षण सबसे अद्वितीय था। उनकी सुंदरता के कारण वे महिलाओं के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हो गए। कई कहानियाँ हैं, जिनमें अर्जुन को महिलाओं द्वारा घेर लिया गया था, और कभी-कभी भीम और नकुल को उन्हें बचाने के लिए आना पड़ा। प्रसिद्ध पौराणिक कथा लेखक देवदत्त पटनायक ने अपनी नई किताब 'सती सावित्री' में उल्लेख किया है कि अर्जुन के वनवास के दौरान, नकुल ने महिलाओं को उनके पीछे आने से रोकने के लिए अपने चेहरे पर धूल मल ली थी। अर्जुन की सुंदरता इतनी प्रभावशाली थी कि महिलाएं हर जगह उनका पीछा करती थीं।


अर्जुन का जन्म और विशेषताएँ

अर्जुन का जन्म इंद्र के माध्यम से कुंती से हुआ था, जिससे वे इंद्र के समान सुंदर और आकर्षक बने। महाभारत में उन्हें एक वीर और आकर्षक पुरुष के रूप में दर्शाया गया है। उनके रूप, शिष्टाचार और युद्ध कौशल ने उन्हें न केवल युद्ध के मैदान में, बल्कि सामाजिक जीवन में भी महिलाओं का प्रिय बना दिया।


महिलाओं का आकर्षण

महाभारत में कई उदाहरण मिलते हैं, जो दर्शाते हैं कि अर्जुन की सुंदरता और व्यक्तित्व ने उन्हें वनवास के दौरान कई महिलाओं का ध्यान आकर्षित किया। कुछ कहानियों में यह भी कहा गया है कि अर्जुन के भाइयों को उनकी सुरक्षा के लिए आगे आना पड़ा। अर्जुन के जीवन में कई महिलाएं आईं, जिनसे उन्होंने प्रेम किया और विवाह भी किया।


चित्रांगदा से प्रेम की कहानी

जब पांडवों को द्रौपदी के अपमान के कारण वनवास की सजा मिली, तब अर्जुन ने तीर्थ यात्रा पर जाने का निर्णय लिया। इस दौरान वे मणिपुर पहुंचे, जहां उन्होंने राजा चित्रवाहन की बेटी चित्रांगदा को देखा। चित्रांगदा, जो एक सुंदर और कुशल योद्धा थी, अर्जुन के प्रति आकर्षित हुई। अर्जुन ने राजा से चित्रांगदा का हाथ मांगा और विवाह कर लिया।


उलूपी से विवाह

अर्जुन की यात्रा के दौरान, जब वे गंगा नदी के किनारे स्नान कर रहे थे, तब उनकी मुलाकात नागलोक की राजकुमारी उलूपी से हुई। उलूपी ने अर्जुन को देखकर प्रेम का इजहार किया और अंततः दोनों ने विवाह कर लिया। इस विवाह से उनका एक पुत्र इरावान हुआ।


सुभद्रा का प्रेम

अर्जुन और सुभद्रा का प्रेम महाभारत की एक रोमांटिक कहानी है। जब अर्जुन वनवास में थे, तब वे द्वारका में भगवान कृष्ण के मेहमान बने। सुभद्रा ने अर्जुन को देखकर उनसे प्रेम कर लिया। कृष्ण ने भी इस विवाह को प्रोत्साहित किया।


द्रौपदी का विशेष स्नेह

द्रौपदी और अर्जुन का प्रेम गहरा था, लेकिन अर्जुन का द्रौपदी के साथ समय बिताने का अवसर कम ही मिलता था। इस कारण उन्हें 12 वर्षों का वनवास सहना पड़ा।


उर्वशी का श्राप

जब अर्जुन इंद्र के दरबार में गए, तो अप्सरा उर्वशी ने उन पर मोहित होकर प्रेम प्रस्ताव रखा। लेकिन अर्जुन ने उन्हें मां के समान मानकर अस्वीकार कर दिया, जिससे उर्वशी क्रोधित हो गईं और उन्होंने उन्हें श्राप दिया।


दुर्योधन की पत्नी का प्रेम

महाभारत में यह भी उल्लेख है कि दुर्योधन की पत्नी भानुमति अर्जुन की प्रशंसक थी। हालांकि, उनका विवाह दुर्योधन से हुआ। लेकिन युद्ध के बाद, भानुमति ने अर्जुन से विवाह कर लिया।