Newzfatafatlogo

महाराष्ट्र में शराब पर बढ़ा टैक्स: कीमतें चढ़ेंगी, उपभोक्ताओं को होगा नुकसान

महाराष्ट्र सरकार ने शराब पर आबकारी शुल्क में भारी वृद्धि की है, जिससे McDowell's और Johnnie Walker जैसे ब्रांड्स की कीमतें बढ़ेंगी। नई दरों के अनुसार, IMFL और देशी शराब की कीमतों में उल्लेखनीय उछाल आएगा। सरकार को इस फैसले से 14,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है, लेकिन इसका सीधा असर आम उपभोक्ताओं और शराब कंपनियों पर पड़ेगा। जानें इस निर्णय के सभी पहलुओं के बारे में।
 | 
महाराष्ट्र में शराब पर बढ़ा टैक्स: कीमतें चढ़ेंगी, उपभोक्ताओं को होगा नुकसान

महाराष्ट्र सरकार का नया फैसला

महाराष्ट्र सरकार ने शराब प्रेमियों के लिए एक बड़ा झटका देते हुए शराब पर लगने वाले आबकारी शुल्क में भारी वृद्धि की है। इस निर्णय के परिणामस्वरूप, McDowell's और Johnnie Walker जैसे प्रसिद्ध ब्रांड्स की कीमतों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। नई दरों के लागू होने से राज्य में शराब खरीदना आम लोगों के लिए महंगा हो जाएगा।


नए टैक्स की दरें

सरकार ने भारतीय निर्मित विदेशी शराब (IMFL) पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी को निर्माण लागत के 3 गुना से बढ़ाकर 4.5 गुना कर दिया है। उदाहरण के लिए, यदि किसी ब्रांड की निर्माण लागत 260 रुपये प्रति लीटर है, तो अब उस पर 1170 रुपये तक का टैक्स लगाया जा सकता है। इसके साथ ही, देशी शराब पर भी टैक्स को ₹180 से बढ़ाकर ₹205 प्रति प्रूफ लीटर कर दिया गया है।


कीमतों में वृद्धि का अनुमान

  • देशी शराब (250ml): ₹70 से बढ़कर ₹80
  • IMFL (ब्रांडेड): ₹110–130 से बढ़कर ₹205
  • विदेशी ब्रांड्स: ₹210–330 से बढ़कर ₹360 तक


इसका मतलब है कि जो शराब पहले 600-800 रुपये में मिलती थी, उसकी कीमत अब 900-1000 रुपये तक पहुंच सकती है।


राजस्व में वृद्धि की उम्मीद

महाराष्ट्र सरकार को उम्मीद है कि इस निर्णय से उसे सालाना 14,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। यह राशि 'लाड़की बहन योजना' जैसी सामाजिक योजनाओं में उपयोग की जाएगी। सरकार का मानना है कि यह कदम राज्य के बजट घाटे को कम करने में सहायक होगा।


पुराने स्टॉक पर पुरानी दरें

सरकार ने स्पष्ट किया है कि नई दरें केवल नई डिलीवरी पर लागू होंगी। इसका मतलब है कि जो दुकानदार पहले से स्टॉक में शराब रखे हुए हैं, वे उसे पुरानी दरों पर बेच सकेंगे। लेकिन आगे से आने वाली हर खेप पर नई एक्साइज ड्यूटी लागू होगी।


शराब कंपनियों पर प्रभाव

सरकार के इस निर्णय का सीधा असर शराब कंपनियों के शेयरों पर भी पड़ा है। United Spirits, United Breweries और Allied Blenders & Distillers जैसी कंपनियों के शेयरों में 6% तक की गिरावट देखी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि कीमतों में वृद्धि से बिक्री में कमी आ सकती है, जिससे कंपनियों को नुकसान हो सकता है।


उपभोक्ताओं पर प्रभाव

इस निर्णय का आम उपभोक्ताओं पर बड़ा असर पड़ेगा। रोजाना शराब पीने वालों को हर बोतल पर 15 से 50 रुपये अधिक चुकाने होंगे। प्रीमियम ब्रांड्स पर यह अंतर 100 से 300 रुपये तक हो सकता है। सरकार को यह भी ध्यान रखना होगा कि महंगी शराब के कारण अवैध शराब का कारोबार न बढ़े।