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महिलाओं की बेवफाई: भावनात्मक कारणों की गहराई में जाएं

महिलाओं की बेवफाई के पीछे केवल शारीरिक आकर्षण नहीं, बल्कि गहरे भावनात्मक कारण होते हैं। रिलेशनशिप कोच कोमल के अनुसार, अकेलापन और भावनात्मक अनदेखी जैसे मुद्दे इस समस्या का मुख्य कारण बनते हैं। इस लेख में जानें कि कैसे पहचान का संकट और भावनात्मक निकटता की कमी महिलाओं को बेवफाई की ओर ले जा सकती है। रिश्तों में संवाद और समझ का महत्व भी इस चर्चा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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महिलाओं की बेवफाई: भावनात्मक कारणों की गहराई में जाएं

महिलाओं की बेवफाई के पीछे के कारण


रिश्तों में बेवफाई, जिसे आमतौर पर 'चीटिंग' कहा जाता है, एक सामान्य समस्या है। लेकिन जब बात महिलाओं की बेवफाई की होती है, तो इसके पीछे के कारण अक्सर पुरुषों से भिन्न होते हैं। रिलेशनशिप कोच कोमल ने इस विषय पर अपने इंस्टाग्राम वीडियो में विस्तार से चर्चा की है। उनका कहना है कि 34 से 38 वर्ष की आयु की महिलाओं में बेवफाई का मुख्य कारण केवल शारीरिक आकर्षण या वासना नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरे भावनात्मक कारण भी हो सकते हैं.


भावनात्मक अनदेखी और अकेलापन

कोच कोमल के अनुसार, महिलाओं की बेवफाई का कारण वासना बहुत कम होता है। इसके बजाय, अकेलापन, भावनात्मक थकान और खुद को फिर से खोजने की कोशिश जैसे कारण अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। इस उम्र तक पहुंचते-पहुंचते, महिलाएं अक्सर अपने रिश्ते में भावनात्मक रूप से 'अदृश्य' महसूस करने लगती हैं। वे मां, पत्नी और घर की देखभाल करने वाली की भूमिका में इतनी खो जाती हैं कि उनकी अपनी पहचान, सपने और इच्छाएं पीछे छूट जाती हैं।


खालीपन भरी अंतरंगता और पहचान का संकट

जब किसी रिश्ते में भावनात्मक निकटता कम हो जाती है, तो शारीरिक अंतरंगता भी बेमानी लगने लगती है। महिलाएं अपने साथी से प्यार, समझ और एक सुरक्षित भावनात्मक बंधन की तलाश करती हैं। जब उन्हें यह नहीं मिलता, तो रिश्ते में एक खालीपन का अनुभव होता है।


30 की उम्र के बाद, कई महिलाओं में पहचान का संकट बढ़ने लगता है। वे खुद से सवाल करने लगती हैं: 'इस परिवार से बाहर मेरी क्या पहचान है?', 'क्या मैंने अपनी सभी इच्छाएं छोड़ दी हैं?', और 'क्या प्यार सच में ऐसा ही होता है?' जब इन सवालों के जवाब नहीं मिलते, तो वे खुद को खोया हुआ महसूस करने लगती हैं।


जब कोई नया व्यक्ति उनकी सराहना करता है

जब कोई महिला अपने साथी से भावनात्मक रूप से अनदेखी महसूस करती है, तो उसकी जिंदगी में कोई नया व्यक्ति आता है, जो उसे नोटिस करता है, उसकी सराहना करता है और उसे विशेष महसूस कराता है। ऐसे समय में, उन्हें लगता है कि जिस रिश्ते में वे दम घुटने का अनुभव कर रही थीं, वहां से अब उन्हें आजादी मिल रही है। यह बाहरी व्यक्ति उन्हें वह भावनात्मक सहारा और ध्यान देता है, जिसकी उन्हें अपने साथी से उम्मीद थी।


भावनात्मक संवाद का महत्व

रिलेशनशिप कोच ने स्पष्ट किया है कि इस विश्लेषण का उद्देश्य बेवफाई का समर्थन करना नहीं है, बल्कि इसके पीछे के भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक कारणों को समझना है। यह उन सभी जोड़ों के लिए एक चेतावनी है, जो अपने रिश्ते में भावनात्मक दूरी को नजरअंदाज कर रहे हैं।


महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ होने वाले अफेयर अक्सर उनकी अधूरी जरूरतों और वर्षों से महसूस किए जा रहे अकेलेपन का परिणाम होते हैं, न कि केवल वासना का। इसलिए, किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए भावनात्मक संवाद, एक-दूसरे का सम्मान और आपसी समझ बहुत आवश्यक है।