मुंह से सांस लेने के स्वास्थ्य पर प्रभाव और समाधान
मुंह से सांस लेने के संकेत
नई दिल्ली: कई लोग सुबह उठते ही मुंह में सूखापन या तकिए पर लार के निशान महसूस करते हैं। यह संकेत हो सकता है कि वे रात में नाक के बजाय मुंह से सांस ले रहे थे। यह सामान्य लग सकता है, लेकिन लंबे समय तक मुंह से सांस लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। मानव शरीर को नाक से सांस लेने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
नाक से सांस लेने के फायदे
नाक हवा को साफ, गर्म और नम बनाती है, जिससे फेफड़ों में सुरक्षित हवा पहुंचती है। नाक के अंदर मौजूद छोटे सिलिया और म्यूकस धूल, प्रदूषण और बैक्टीरिया को रोकते हैं। जब नाक बंद हो जाती है या सांस लेने में कठिनाई होती है, तो शरीर स्वाभाविक रूप से मुंह से सांस लेना शुरू कर देता है। कुछ लोगों में यह आदत स्थायी हो जाती है, जिसे 'माउथ ब्रीदिंग' कहा जाता है।
मुंह से सांस लेने के कारण
क्या है इसका कारण?
नाक से सांस लेने में कठिनाई के कई कारण हो सकते हैं। सबसे सामान्य कारण नाक का बंद होना है, जो सर्दी, एलर्जी या साइनस के कारण होता है। बच्चों में बढ़े हुए एडेनोइड्स या टॉन्सिल्स भी नाक का रास्ता बंद कर सकते हैं। इसके अलावा, नाक की संरचना में गड़बड़ी जैसे टेढ़ा सेप्टम या पॉलीप्स भी समस्या पैदा कर सकते हैं। कुछ लोगों के चेहरे या जबड़े की बनावट ऐसी होती है कि मुंह स्वाभाविक रूप से खुला रहता है। स्लीप एपनिया जैसी नींद की समस्याएं भी मुंह से सांस लेने का कारण बन सकती हैं।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
स्वास्थ्य पर कैसे पड़ता है इसका असर?
लंबे समय तक मुंह से सांस लेने से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। सबसे पहले, मुंह का सूखापन और बदबूदार सांस की समस्या उत्पन्न होती है, क्योंकि लार सूखने पर बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं, जिससे दांतों और मसूड़ों में संक्रमण का खतरा बढ़ता है। लार में मौजूद खनिज दांतों को मजबूत रखते हैं, लेकिन मुंह से सांस लेने से कैविटी और मसूड़ों की सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
नुकसान और सलाह
क्या-क्या होता है इसका नुकसान?
नींद की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है, जिससे स्लीप एपनिया, थकान, चिड़चिड़ापन और ध्यान में कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। बच्चों में यह आदत चेहरे की बनावट पर असर डाल सकती है, जिससे चेहरा लंबा और जबड़ा पतला हो सकता है। लगातार मुंह से सांस लेने से ऑक्सीजन की कमी होती है, जिससे ब्रेन फॉग और थकान महसूस होती है।
डॉक्टर्स की सलाह
क्या है डॉक्टर्स की सलाह?
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि किसी को लगातार नाक से सांस लेने में कठिनाई हो रही है, तो उसे ईएनटी विशेषज्ञ से जांच करानी चाहिए। समय पर इलाज न कराने पर यह आदत स्वास्थ्य के लिए गंभीर परिणाम दे सकती है।
