मोहम्मद शमी और हसीन जहां के विवाद में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

पारिवारिक विवाद की नई सुनवाई
भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी और उनकी पत्नी हसीन जहां के बीच चल रहा पारिवारिक विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। हाल ही में कलकत्ता हाईकोर्ट ने शमी को आदेश दिया है कि वह हसीन जहां को हर महीने ₹1.5 लाख और उनकी बेटी को ₹2.5 लाख का अंतरिम भत्ता प्रदान करें। हसीन जहां ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए शमी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यह फैसला न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
हसीन जहां का बयान
हसीन जहां ने मीडिया से बातचीत में बताया कि शादी से पहले वह मॉडलिंग और अभिनय में सक्रिय थीं, लेकिन शमी ने उन्हें यह सब छोड़ने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा, “मैंने शमी से प्यार किया, इसलिए उसके हर निर्णय को खुशी से स्वीकार किया। लेकिन अब जब मैं कमाई नहीं कर पा रही हूं, तो मेरे और मेरी बेटी की जिम्मेदारी शमी की बनती है। जब उसने इसे मानने से इनकार किया, तो मुझे कोर्ट का सहारा लेना पड़ा।” हसीन ने यह भी कहा, “शमी मुझे बर्बाद नहीं कर सकता, क्योंकि मैं न्याय के रास्ते पर हूं।”
हाईकोर्ट का निर्णय
कोर्ट ने वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने का आदेश दिया
इस मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अजय कुमार मुखर्जी ने कहा कि हसीन जहां और उनकी बेटी की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना आवश्यक है जब तक कि मुख्य याचिका का निपटारा नहीं हो जाता। कोर्ट ने पहले के आदेश को संशोधित करते हुए मासिक भत्ते को ₹1.3 लाख से बढ़ाकर ₹4 लाख कर दिया है। इसमें हसीन को ₹1.5 लाख और उनकी बेटी को ₹2.5 लाख मिलेंगे। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि शमी यदि चाहें तो बेटी की पढ़ाई और अन्य आवश्यकताओं के लिए अतिरिक्त सहायता प्रदान कर सकते हैं।
मामले का पूरा विवरण
हसीन जहां के आरोप
हसीन जहां ने 2018 में शमी और उनके परिवार पर घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना और उपेक्षा के आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई थी। उन्होंने कोर्ट से ₹10 लाख प्रति माह की अंतरिम राहत की मांग की थी, जिसमें ₹7 लाख अपने लिए और ₹3 लाख बेटी के लिए मांगे गए थे। अब कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए राहत की राशि को ₹4 लाख तक बढ़ा दिया है। उल्लेखनीय है कि सत्र न्यायालय ने पहले ₹1.3 लाख मासिक भत्ता देने का फैसला सुनाया था, जिसे हसीन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
हसीन जहां की उम्मीदें
हसीन जहां ने कहा, “जब कोई रिश्ते में प्रवेश करता है, तो उसे सामने वाले के चरित्र के बारे में सब कुछ पता नहीं होता। मुझे भी धोखा मिला। मैं सिर्फ अपनी बेटी का सुरक्षित भविष्य चाहती हूं। भगवान ने सबसे बड़े गुनहगारों को भी माफ किया है, लेकिन शमी अपनी जिद नहीं छोड़ रहा। उसे समझना चाहिए कि बेटी की भलाई सबसे ऊपर है।” उन्होंने एक बार फिर कहा कि वह अब भी न्याय की उम्मीद रखती हैं और किसी भी कीमत पर हार नहीं मानेंगी।