युवाओं के लिए बचत के बेहतरीन तरीके: म्यूचुअल फंड एसआईपी और एफडी

बचत के नए विकल्प
आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी में हर कोई बचत करने की कोशिश कर रहा है। बाजार में बचत के कई विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन जानकारी की कमी के कारण हम अधिक लाभ कमाने का अवसर खो देते हैं। कोरोना महामारी के बाद, लोग अब अपने पास अधिक बचत रखना चाहते हैं, क्योंकि भविष्य में किसी भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, आज हम आपको दो ऐसे बचत के तरीकों के बारे में बताएंगे जो युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।
म्यूचुअल फंड एसआईपी और एफडी
हम म्यूचुअल फंड यानी एसआईपी और फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) की बात कर रहे हैं। ये दोनों विकल्प अपने क्षेत्र में बेहतरीन रिटर्न प्रदान करते हैं। हालांकि, आपके निवेश की राशि का आपके रिटर्न पर सीधा प्रभाव पड़ता है। यदि हम बैंक के बचत खाते की बात करें, तो उस पर ब्याज दर बहुत कम होती है, इसलिए लोग एसआईपी और एफडी की ओर आकर्षित होते हैं।
म्यूचुअल फंड एसआईपी का लाभ
पहले हम म्यूचुअल फंड एसआईपी के बारे में चर्चा करते हैं। आप जब चाहें, सीधे शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं और किसी भी लिस्टेड कंपनी के शेयर खरीद या बेच सकते हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में जोखिम अधिक होता है। उदाहरण के लिए, यदि आप कंपनी एक्स के 20 शेयर 10 रुपये प्रति शेयर पर खरीदते हैं और कुछ समय बाद उनकी कीमत घटकर 5 रुपये हो जाती है, तो आपको 100 रुपये का नुकसान होगा। इसके विपरीत, म्यूचुअल फंड एसआईपी में जोखिम कम होता है। यहां, आप अपने पैसे को एक मार्केट एक्सपर्ट को सौंपते हैं, जो आपके पैसे को कई कंपनियों में निवेश करता है। इससे यदि कंपनी X को नुकसान होता है, तो इसे दूसरी कंपनी Y के लाभ से संतुलित किया जा सकता है।
एफडी: सुरक्षित बचत का विकल्प
अब बात करते हैं फिक्स्ड डिपॉजिट की, जो बचत का सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है। इसमें आपको एक निश्चित ब्याज दर पर रिटर्न मिलता है, जो बाजार की स्थिति से प्रभावित नहीं होता। हालांकि, ये दरें विभिन्न बैंकों में भिन्न हो सकती हैं। इसलिए, यदि आप जीवन में तनावमुक्त रहना चाहते हैं, तो एफडी एक अच्छा विकल्प है।
आपके लिए सही विकल्प का चयन
जहां तक विकल्पों का सवाल है, दोनों अपने-अपने क्षेत्र में बेहतरीन हैं। हालांकि, एसआईपी में बाजार का जोखिम होता है, जिससे नुकसान का खतरा रहता है। दूसरी ओर, एफडी जोखिम-मुक्त है, लेकिन रिटर्न कम होता है। एक कहावत है, 'जितना अधिक जोखिम, उतना अधिक लाभ।' इसलिए, अपनी आवश्यकताओं और निवेश राशि के अनुसार इनमें से किसी एक का चयन करें।