युवाओं में हार्ट अटैक का बढ़ता खतरा: जानें कारण और बचाव के उपाय

हार्ट अटैक की बढ़ती घटनाएँ
हाल के दिनों में हार्ट अटैक से जुड़ी घटनाओं ने सभी को चिंतित कर दिया है। पहले इसे केवल बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब 30 और 40 साल के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में, बिग बॉस के विजेता सिद्धार्थ शुक्ला, प्रसिद्ध गायक केके और हाल ही में कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव जैसे कई जाने-माने व्यक्तियों की अचानक मौत ने सबको चौंका दिया है।
सेलिब्रिटीज़ की सेहत पर सवाल
लोगों के लिए यह विश्वास करना कठिन हो रहा है कि जो लोग अपनी सेहत और फिटनेस का ध्यान रखते हैं, उन्हें भी हार्ट अटैक हो सकता है। आमतौर पर यह माना जाता है कि नियमित व्यायाम और संतुलित आहार से दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है। लेकिन हाल की घटनाओं ने लोगों को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है। अब लोग हार्ट अटैक के लक्षणों और इससे बचने के उपायों के प्रति जागरूक हो रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, भारत में 40 से 69 वर्ष की आयु वर्ग में होने वाली मौतों में 45% हृदय रोगों से होती हैं।
भारतीयों में हृदय रोग का बढ़ता खतरा
अध्ययनों से पता चला है कि भारतीयों में हृदय रोग यूरोपीय लोगों की तुलना में कम से कम एक दशक पहले फैलता है। वास्तव में, हृदय रोग भारत में उत्पादक जीवन वर्षों का सबसे बड़ा नुकसान पहुंचा रहा है। 2000 में यह आंकड़ा 9.2 मिलियन वर्ष था, जो 2030 तक बढ़कर 17.9 मिलियन वर्ष होने की उम्मीद है।
भारतीय युवाओं में हृदय रोग का मुख्य कारण आनुवंशिक प्रवृत्ति और जीवनशैली में बदलाव है, जिससे टाइप-2 मधुमेह, मोटापा, उच्च रक्तचाप और खराब कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं।
तनाव और जीवनशैली का प्रभाव
फिट और युवा दिखने वाले व्यक्तियों को भी दिल का दौरा क्यों पड़ रहा है? तेजी से बदलती जीवनशैली, रिश्तों में समस्याएँ और खराब खान-पान इसके लिए जिम्मेदार हैं। ऑफिस के काम का अत्यधिक तनाव, नींद की कमी और शराब-सिगरेट का सेवन दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है।
हाल के वर्षों में काम करने का तरीका बदल गया है, जिससे युवा अधिक तनाव में रहते हैं। कोविड-19 महामारी ने भी तनाव के स्तर को बढ़ा दिया है।
नींद और खान-पान का ध्यान
कई युवाओं की नौकरी ऐसी होती है कि उन्हें विभिन्न टाइम जोन में काम करना पड़ता है, जिससे उनकी नींद का पैटर्न बिगड़ जाता है। इसके अलावा, ओटीटी प्लेटफॉर्म पर बिंज वॉचिंग भी नींद को प्रभावित करती है।
फास्ट फूड और पैकेज्ड ड्रिंक्स का सेवन भी हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसलिए, अपने आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन डी शामिल करना आवश्यक है।
व्यायाम का महत्व
नियमित व्यायाम दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है, लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के भारी कसरत करने से बचना चाहिए। यदि आपके परिवार में हृदय रोग का इतिहास है, तो नियमित कार्डियक स्क्रीनिंग टेस्ट करवाना जरूरी है।
हार्ट अटैक के संकेत
हार्ट अटैक के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि आपको छाती में भारीपन, दर्द या सांस फूलने जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
अपने दिल की सेहत को अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक निवेश समझें।