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योगिनी एकादशी 2025: भाग्य बदलने का अवसर 21 जून को

योगिनी एकादशी 2025 का पवित्र दिन 21 जून को मनाया जाएगा, जो भक्तों के लिए भगवान विष्णु की कृपा का एक अनमोल अवसर है। यह व्रत न केवल पापों से मुक्ति दिलाता है, बल्कि रोग और दुखों को भी दूर करता है। जानें इस दिन की पूजा विधि, व्रत के नियम और विशेष मंत्रों के बारे में जो आपकी किस्मत को बदल सकते हैं। इस अवसर पर उपवास रखकर और मंत्र जाप करके आप अपने जीवन में सुख और शांति ला सकते हैं।
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योगिनी एकादशी 2025: भाग्य बदलने का अवसर 21 जून को

योगिनी एकादशी 2025: भाग्य बदलने का अवसर

योगिनी एकादशी 2025 का महत्व: योगिनी एकादशी का पवित्र दिन भक्तों के लिए भगवान विष्णु की कृपा का एक अनमोल अवसर लेकर आता है। यह व्रत, जो आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को 21 जून को मनाया जाएगा, न केवल पापों से मुक्ति दिलाता है, बल्कि रोग, दुख और परेशानियों को भी दूर करता है। इसे ब्रह्मवैवर्त पुराण में रोग नाशक एकादशी के रूप में वर्णित किया गया है। इस दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा और विशेष मंत्रों का जाप आपके जीवन में सुख और शांति ला सकता है। आइए जानते हैं इस व्रत की तिथि, पूजा के नियम और उन मंत्रों के बारे में जो आपकी किस्मत को बदल सकते हैं!


योगिनी एकादशी की तिथि और महत्व:

पंचांग के अनुसार, योगिनी एकादशी 2025 की तिथि 21 जून को सुबह 7:18 बजे प्रारंभ होगी और 22 जून को सुबह 4:27 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार, व्रत और पूजा 21 जून को की जाएगी। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है और मान्यता है कि इस व्रत से पिछले जन्मों के पाप धुल जाते हैं। यह रोगों को हराने और मानसिक शांति प्रदान करने में अत्यंत प्रभावी है। भक्त इस दिन उपवास रखकर विष्णु जी की कृपा प्राप्त करते हैं।


पूजा और व्रत के नियम:

योगिनी एकादशी का व्रत आरंभ करने से पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठें, स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को साफ करें और भगवान विष्णु तथा लक्ष्मी जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। दीपक जलाएं और फूल, चंदन, अक्षत अर्पित करें। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। उपवास में फल, दूध या सात्विक भोजन लें। शाम को तुलसी माता को जल चढ़ाएं और गरीबों को दान करें, विशेषकर अन्न और तिल। इस दिन झूठ, क्रोध और नकारात्मकता से दूर रहें। भगवान का ध्यान करते हुए शांत मन से पूजा करें।


योगिनी एकादशी मंत्र:

योगिनी एकादशी पर मंत्र जाप से विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है। कुछ विशेष मंत्र हैं: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:” और “ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।” लक्ष्मी विनायक मंत्र “दन्ताभये चक्र दरो दधानं…” और धन-वैभव मंत्र “ॐ भूरिदा भूरि देहिनो…” का जाप करें। “श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे” भक्ति भाव से गाएं। इन मंत्रों का 108 बार जाप करें। ये मंत्र न केवल पापों का नाश करते हैं, बल्कि धन, सुख और स्वास्थ्य भी प्रदान करते हैं। माला लेकर शांत स्थान पर जाप करें और इस दिन का हर पल भक्ति में बिताएं।