रूस के राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा: मेहमाननवाजी की अनोखी परंपरा
भारत की मेहमाननवाजी की परंपरा
भारत अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं के साथ-साथ अपनी अतिथि सत्कार के लिए भी विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहां मेहमानों को भगवान के समान माना जाता है। चाहे वह कोई भारतीय घर का मेहमान हो या विदेशी पर्यटक, उनका स्वागत दिल से किया जाता है। यही कारण है कि जब भी कोई विदेशी नेता भारत का दौरा करता है, तो उसकी मेज़बानी के लिए महीनों पहले से तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं।
पुतिन की भारत यात्रा
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन 5 दिसंबर को दो दिवसीय यात्रा पर भारत आ रहे हैं, और उनका स्वागत उसी भव्यता के साथ किया जाएगा जिसके लिए भारत जाना जाता है।
विदेशी नेताओं के स्वागत की तैयारी
जब कोई विदेशी नेता भारत आता है, तो प्रोटोकॉल, भोजन, सुरक्षा, यात्रा मार्ग और ठहरने की व्यवस्था जैसे सभी पहलुओं का विस्तार से योजना बनाई जाती है। बड़ी टीमों को यह सुनिश्चित करने का कार्य सौंपा जाता है कि मेहमान को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
साथ ही, भारतीय संस्कृति और भोजन की झलक इस तरह प्रस्तुत की जाती है कि वे भारत की विविधता और स्वाद का अनुभव कर सकें। इसलिए, मेन्यू से लेकर प्रेजेंटेशन तक, हर चीज पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
पुतिन के लिए शेफ संजीव कपूर का विशेष मेन्यू
पुतिन के भारत आगमन पर उनके भोजन की जिम्मेदारी देश के प्रसिद्ध और पद्मश्री सम्मानित शेफ संजीव कपूर संभालेंगे। कहा जाता है कि विदेशी नेताओं के आगमन पर फूड डिप्लोमेसी का महत्व बढ़ जाता है।
पुतिन की पसंद को ध्यान में रखते हुए भारतीय व्यंजनों को इस तरह से तैयार किया जाएगा कि उनका स्वाद भारतीय हो, लेकिन उनकी पसंद के अनुसार हल्का और संतुलित भी हो। यह केवल भोजन नहीं है, बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने का एक माध्यम भी है।
फूड डिप्लोमेसी का महत्व
फूड डिप्लोमेसी का अर्थ है भोजन के माध्यम से देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना। जैसे नेता बातचीत और समझौतों के जरिए संबंधों को बेहतर बनाते हैं, वैसे ही भोजन भी देशों के बीच समझ और सद्भाव का पुल बन जाता है।
जब अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भारतीय व्यंजन परोसे जाते हैं या दूतावासों में फूड फेस्ट आयोजित किए जाते हैं, तो यह केवल स्वाद का मामला नहीं होता। यह सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का एक तरीका होता है, जिससे पर्यटन और व्यापार पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
