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रेलवे की सफाई प्रक्रिया: कंबल और बेडरोल की हकीकत

रेलवे की सफाई प्रक्रिया को लेकर यात्रियों की शिकायतें अक्सर सुनने को मिलती हैं। हाल ही में एक आरटीआई के जवाब में रेलवे ने बताया कि कंबल और बेडरोल की सफाई कैसे होती है। जानें कि कंबल को कितनी बार धोया जाता है और क्या इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क है। इस जानकारी से आपको रेलवे की सफाई व्यवस्था के बारे में नई जानकारी मिलेगी।
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रेलवे की सफाई प्रक्रिया: कंबल और बेडरोल की हकीकत

रेलवे की सफाई व्यवस्था पर नई जानकारी

जब आप ट्रेन के रिजर्व कोच में सफर करते हैं, तो रेलवे आपको यात्रा के दौरान चादर, तकिया, तौलिया और कंबल प्रदान करता है। हालांकि, यात्रियों की शिकायतें अक्सर आती हैं कि बेड-रोल और कंबल सही तरीके से साफ नहीं होते हैं। रेलवे इस मुद्दे को गंभीरता से लेता है और समय-समय पर कार्रवाई करता है। हाल ही में एक आरटीआई के जवाब में जो जानकारी सामने आई है, वह आपको चौंका सकती है। रेलवे ने बताया कि हर ट्रेन यात्रा के बाद इस्तेमाल की गई चादरें, तकिए और तौलिए साफ किए जाते हैं। इसके लिए देशभर में कई लॉन्ड्री स्टेशन स्थापित किए गए हैं।


कंबलों की सफाई की प्रक्रिया

कंबलों को महीने में एक बार धोया जाता है

रेलवे ने स्पष्ट किया है कि ट्रेन में दिए जाने वाले कंबलों को हर यात्रा के बाद धोया नहीं जाता। आमतौर पर, एक कंबल को महीने में एक बार या अधिकतम दो बार ही धोया जाता है। हालांकि, यदि यात्रा के दौरान कंबल गीला, गंदा या तेज गंध वाला हो, तो उसे तुरंत धोया जा सकता है।


क्या कंबल के लिए अतिरिक्त शुल्क है?

कंबल के लिए अलग से चार्ज?

यह जानकर आपको राहत मिलेगी कि ट्रेन में मिलने वाले कंबल और बेडरोल के लिए यात्रियों को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होता। ये सभी रेल किरायों में शामिल हैं। हालांकि, कुछ ट्रेनों में आप मामूली शुल्क पर प्रत्येक किट को अलग से प्राप्त कर सकते हैं।