वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय: श्रद्धालुओं के लिए अद्वितीय अनुभव

बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय की विशेषताएँ
बिहार के वैशाली में स्थित बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप अपनी भव्यता और अद्वितीय कलाकृति के लिए जाना जाता है। यहां भगवान बुद्ध की अस्थियों का संरक्षण किया गया है, जो इसे और भी खास बनाता है। इन पवित्र अवशेषों को बुलेटप्रूफ कांच के पीछे सुरक्षित रखा गया है, जिससे उनका संरक्षण सुनिश्चित हो सके।
विशिष्ट अलंकृत सिंहासन
1.45 मीटर ऊंचा अलंकृत सिंहासन
अस्थि कलश को एक 1.45 मीटर ऊंचे पत्थर के अलंकृत सिंहासन पर रखा गया है, जिससे श्रद्धालु चारों ओर से पवित्र धातु अवशेष देख सकें। इस संरचना पर पीतल का उपयोग किया गया है, जिस पर बौद्ध कलाकृतियों को उकेरा गया है। पहले तल तक पहुंचने के लिए तोरण द्वार के दोनों ओर अर्ध रैंप बनाए गए हैं। इस तल पर 40 ताक हैं, जिनमें भगवान बुद्ध की विभिन्न मुद्राओं वाली मूर्तियां और अन्य बौद्ध कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं।
आधुनिक सुविधाओं से लैस अतिथि गृह
डॉरमेटरी वाला अतिथि गृह तैयार
यह संग्रहालय-सह-स्तूप धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटकीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। परिसर में एक आधुनिक पुस्तकालय, ध्यान केंद्र, आगंतुक केंद्र, एम्फीथिएटर और कैफेटेरिया जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा, पर्यटकों और श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए 12 निजी कक्ष और 96 लोगों के लिए डॉरमेटरी वाला अतिथि गृह भी बनाया गया है। यहां एक विशेष प्रदक्षिणापथ भी है, जहां श्रद्धालु अस्थि कलश की परिक्रमा कर सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय बौद्ध तीर्थ यात्रा का केंद्र
देश-विदेश के श्रद्धालु बुद्ध की अस्थियों के दर्शन
यह स्तूप केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय बौद्ध तीर्थ यात्रा पथ का एक प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। यहां आने वाले श्रद्धालु भगवान बुद्ध की अस्थियों के दर्शन के साथ-साथ वैशाली की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से भी अवगत होंगे।