शुगर का सेवन और वजन घटाने में इंसुलिन की भूमिका
शुगर: एक स्वास्थ्य चुनौती
शुगर केवल मीठा नहीं होता, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चुनौती भी है। जब हम अधिक शुगर का सेवन करते हैं, तो इंसुलिन का स्तर बढ़ता है, और शरीर इसे तुरंत वसा में परिवर्तित कर देता है।
शुगर का वसा में परिवर्तन
डॉ. अंशुमान कौशल के अनुसार, चाहे वह गुलाब जामुन हो या कोल्ड कॉफी, अधिक शुगर शरीर में वसा के रूप में जमा हो जाती है। यही कारण है कि लोग जिम जाने के बावजूद वजन कम करने में कठिनाई महसूस करते हैं। सही मात्रा में शुगर का सेवन और इंसुलिन का नियंत्रण वसा जलाने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
शुगर और इंसुलिन का संबंध
डॉ. कौशल ने शरीर की तुलना एक बैंक खाते से की है। पहला खाता 'करंट अकाउंट' है, जो ब्लड ग्लूकोज स्तर को दर्शाता है, जो केवल 70-100 mg प्रतिशत तक शुगर रखता है। जब शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, तो इंसुलिन इसे 'सेविंग्स अकाउंट' में भेज देता है, जो लीवर और मांसपेशियों में जमा होती है। जब यह सीमा भर जाती है, तब अतिरिक्त शुगर सीधे वसा में बदल जाती है।
इंसुलिन का प्रभाव
अधिक शुगर का सेवन HbA1c रिपोर्ट को प्रभावित करता है, जो पिछले 2-3 महीनों में औसत ब्लड शुगर को दर्शाती है। जब इंसुलिन का स्तर उच्च होता है, तो शरीर वसा जलाने की प्रक्रिया में नहीं जाता। हर बार शुगर का सेवन करने पर वसा का भंडार बढ़ता जाता है, जिससे वजन घटाने के प्रयासों में बाधा आती है।
डाइट में शुगर का नियंत्रण
डॉ. कौशल का कहना है कि शुगर केवल कैलोरी नहीं है, बल्कि यह वसा के भंडार के लिए 'डिपॉजिट स्लिप' का काम करती है। गुलाब जामुन, कोल्ड कॉफी और मिठाइयाँ सभी शुगर के स्रोत हैं। कम शुगर और नियंत्रित इंसुलिन शरीर को वसा जलाने की प्रक्रिया में लाने में मदद करते हैं।
वजन घटाने में इंसुलिन की भूमिका
यदि इंसुलिन का स्तर उच्च है, तो जिम जाने और कसरत करने के बावजूद शरीर वसा नहीं जलाता। इंसुलिन जितना अधिक होगा, वसा जलाने की प्रक्रिया उतनी ही कम होगी। इसलिए शुगर का सेवन कम करना और इंसुलिन को नियंत्रित रखना आवश्यक है।
शुगर कम करने के उपाय
डॉ. कौशल ने सुझाव दिया है कि शुगर को नियंत्रित करना ही शरीर को वसा जलाने की प्रक्रिया में लाने की कुंजी है। करंट और सेविंग्स अकाउंट को सही बनाए रखें, और वसा के भंडार को भरने से रोकें। यह एक सरल, वैज्ञानिक और प्रभावी तरीका है।
