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सहजन: स्वास्थ्य के लिए जादुई पेड़ के लाभ

सहजन, जिसे मिरेकल ट्री के नाम से जाना जाता है, स्वास्थ्य के लिए कई अद्भुत लाभ प्रदान करता है। इसकी पत्तियां, फलियां और बीज न केवल पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, बल्कि आयुर्वेद में इसके कई उपयोग भी हैं। जानें कैसे सहजन आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है और इसके विभिन्न घरेलू उपायों के बारे में।
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सहजन: स्वास्थ्य के लिए जादुई पेड़ के लाभ

सहजन के स्वास्थ्य लाभ: 'मिरेकल ट्री'

सहजन, जिसे ड्रमस्टिक या मोरिंगा भी कहा जाता है, भारत में आसानी से उगने वाला एक साधारण पेड़ है, लेकिन इसके अद्भुत गुण इसे 'मिरेकल ट्री' बनाते हैं। इसकी पत्तियां, फलियां, फूल, बीज और छाल सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं।


आयुर्वेद में सहजन का उपयोग सदियों से विभिन्न बीमारियों के उपचार में किया जा रहा है। यह न केवल खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि स्वास्थ्य का भी सच्चा रक्षक है। आइए, सहजन के स्वास्थ्य लाभों पर एक नज़र डालते हैं...


सहजन को कफ को दूर करने और वात को संतुलित करने वाला माना जाता है। यह शरीर से गंदगी और विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसकी पत्तियां और फलियां पाचन को सुधारती हैं, रक्त को शुद्ध करती हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती हैं।


सहजन की विशेषताएँ

सहजन की खास बात


सहजन में अन्य सब्जियों और फलों की तुलना में अधिक पोषक तत्व होते हैं। उदाहरण के लिए, संतरे से सात गुना अधिक विटामिन सी और गाजर से चार गुना अधिक विटामिन ए पाया जाता है। इसके अलावा, यह दूध से अधिक कैल्शियम और केले से अधिक पोटैशियम भी प्रदान करता है। इसलिए इसे 'ट्री ऑफ लाइफ' भी कहा जाता है।


सहजन में एंटी-कैंसर गुण भी होते हैं। इसके पाउडर या बीज का सेवन करने से शरीर का डिटॉक्स होता है और रक्त साफ होता है। यह ऊर्जा बढ़ाता है और थकान को दूर करता है। नियमित रूप से सहजन का सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है, रक्त शर्करा नियंत्रित रहती है और वजन कम करने में मदद मिलती है। विटामिन बी6 के कारण मस्तिष्क सक्रिय रहता है और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।


आयुर्वेद में सहजन का उपयोग

आयुर्वेद में सहजन


आयुर्वेद में सहजन के कई घरेलू उपाय हैं। इसकी पत्तियों का रस रोजाना 1-2 चम्मच पीने से इम्यूनिटी बढ़ती है और मौसमी बीमारियों से बचाव होता है। फलियों की सब्जी खाने से पाचन शक्ति में सुधार होता है और शुगर लेवल संतुलित रहता है।


सहजन की पत्तियों को सरसों के तेल में मिलाकर मालिश करने से दर्द और सूजन में राहत मिलती है। काढ़ा बनाकर पीने से गले की खराश, खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं ठीक हो जाती हैं। पत्तियों का पेस्ट चेहरे पर लगाने से पिंपल्स और त्वचा की समस्याओं से छुटकारा मिलता है।