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सावन 2025: शिव भक्तों के लिए विशेष सोमवार व्रत की तिथियां और महत्व

सावन का महीना भगवान शिव की आराधना का सबसे पावन समय है। 2025 में यह 10 जुलाई से शुरू होकर 8 अगस्त तक चलेगा, जिसमें कुल 5 सोमवार का विशेष महत्व है। इस लेख में सावन के सोमवार व्रत की तिथियां, धार्मिक महत्व और व्रत के दौरान क्या करें और क्या न करें, इस पर विस्तृत जानकारी दी गई है। जानें कैसे इस पवित्र महीने में शिव की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
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सावन 2025: शिव भक्तों के लिए विशेष सोमवार व्रत की तिथियां और महत्व

सावन का महत्व और व्रत


हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन (श्रावण) का महीना भगवान शिव की पूजा का सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण समय माना जाता है। यह अवधि शिव भक्तों के लिए विशेष आस्था और उपासना का अवसर प्रदान करती है। इस दौरान भक्त विशेष रूप से सोमवार को व्रत रखते हैं और भोलेनाथ को जल, बेलपत्र, धतूरा और भांग अर्पित करते हैं। इसलिए, सावन में आने वाले सोमवारों का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। वर्ष 2025 में सावन का महीना 10 जुलाई, गुरुवार से आरंभ होकर 8 अगस्त, शुक्रवार को समाप्त होगा। इस वर्ष शिव भक्तों को सावन में कुल 5 सोमवार का अवसर मिलेगा, जो अत्यंत शुभ और फलदायक माने जा रहे हैं.


सावन 2025 के सोमवार व्रत की तिथियां:

सावन 2025 के सोमवार व्रत की तिथियां:



  1. पहला सोमवार – 14 जुलाई 2025

  2. दूसरा सोमवार – 21 जुलाई 2025

  3. तीसरा सोमवार – 28 जुलाई 2025

  4. चौथा सोमवार – 4 अगस्त 2025

  5. पांचवां सोमवार – 11 अगस्त 2025


हालांकि, पंचांग भेद के कारण कुछ स्थानों पर सावन की शुरुआत 11 जुलाई से भी मानी जा सकती है, लेकिन सामान्यतः उत्तर भारत में पूर्णिमांत पंचांग के अनुसार ही अधिकतर व्रत-त्योहारों की गणना होती है।


सावन का धार्मिक महत्व

सावन का धार्मिक महत्व:


सावन मास को शिव माह भी कहा जाता है। मान्यता है कि इसी माह में भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को अपने कंठ में धारण किया था, जिससे उनका कंठ नीला हो गया और उन्हें नीलकंठ नाम मिला। सावन के सोमवार को व्रत रखने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं, विवाह में आ रही अड़चनें समाप्त होती हैं और मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है। कुंवारी कन्याएं इस माह में विशेष रूप से व्रत रखती हैं।


सावन में क्या करें?

सावन में क्या करें?



  • सोमवार को व्रत रखें

  • शिवलिंग पर जल, दूध, शहद और बेलपत्र चढ़ाएं

  • “ॐ नमः शिवाय” और महामृत्युंजय मंत्र का जप करें

  • सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें

  • दीन-दुखियों को भोजन और वस्त्र दान करें


क्या न करें सावन में?

क्या न करें सावन में?



  • मांस-मदिरा का सेवन वर्जित है

  • कटु वचन, झूठ और क्रोध से बचें

  • बाल कटवाना और नाखून काटना अशुभ माना गया है

  • बेलपत्र टूटा हुआ या छेद वाला शिव को न चढ़ाएं


निष्कर्ष

निष्कर्ष:


सावन का महीना ईश्वर भक्ति, आत्मशुद्धि और संकल्प का प्रतीक है। यह समय शिव की कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ अवसर है। यदि श्रद्धा और विधिपूर्वक पूजा की जाए, तो इस मास में किए गए व्रत और जप अवश्य फलदायक होते हैं। तो इस साल 14 जुलाई से शुरू हो रहे सावन सोमवार के व्रत के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दें और भगवान शिव की कृपा से जीवन को संकटमुक्त बनाएं।