सीड साइक्लिंग: पीरियड्स के दर्द से राहत पाने का प्राकृतिक तरीका

सीड साइक्लिंग के लाभ
आजकल कई महिलाएं पीरियड्स के दौरान दर्द और ऐंठन का अनुभव करती हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि नियमित रूप से सीड साइक्लिंग अपनाने से आप इन समस्याओं से राहत पा सकती हैं? आइए जानते हैं कि सीड साइक्लिंग क्या है और इसे अपनी डाइट में कैसे शामिल किया जा सकता है।
सीड साइक्लिंग क्या है?
सीड साइक्लिंग एक प्राकृतिक विधि है, जो महिलाओं के हार्मोन को संतुलित करने में सहायक होती है। यह विशेष रूप से निम्नलिखित समस्याओं में मददगार मानी जाती है:
- अनियमित पीरियड्स
- पीरियड्स के दौरान दर्द और ऐंठन
- पीसीओएस (PCOS)
- मेनोपॉज (Menopause)
इस प्रक्रिया में मासिक धर्म चक्र के दो चरणों के अनुसार विभिन्न बीजों का सेवन किया जाता है, जो हार्मोन संतुलन में मदद करते हैं और शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं।
सीड साइक्लिंग कैसे करें?
पहला चरण (Day 1 से Day 13 तक) - यह चरण आपके पीरियड्स के पहले दिन से शुरू होता है। इसमें 1 चम्मच अलसी के बीज और 1 चम्मच कद्दू के बीज का पाउडर बनाकर रोजाना सेवन करें। आप इन्हें हल्का भूनकर स्नैक्स के रूप में या लड्डू बनाकर भी खा सकती हैं।
दूसरा चरण (Day 14 से Day 30 तक) - यह चरण ओव्यूलेशन के बाद शुरू होता है। इसमें 1 चम्मच तिल और 1 चम्मच सूरजमुखी के बीज का पाउडर बनाकर हल्के गर्म पानी के साथ लें। इन्हें भूनकर स्नैक्स के रूप में या लड्डू बनाकर खा सकती हैं।
सीड साइक्लिंग के फायदे
यदि आप नियमित रूप से सीड साइक्लिंग का पालन करती हैं, तो यह हार्मोनल संतुलन में मदद करती है, पीरियड्स को नियमित बनाती है, ऐंठन और दर्द से राहत देती है, और पीसीओएस/पीसीओडी को प्रबंधित करने में सहायक होती है। इसके अलावा, यह मेनोपॉज के लक्षणों को भी कम करती है।