सुपारी: हत्या के अपराध से जुड़ी एक विवादास्पद परंपरा

राजा रघुवंशी हत्या मामला
राजा रघुवंशी की हत्या ने मेघालय में हलचल मचा दी है। उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी पर आरोप है कि उन्होंने अपने पति की हत्या के लिए सुपारी दी थी। इस मामले में सुपारी का उपयोग, जो आमतौर पर धार्मिक कार्यों में प्रयोग होती है, सवाल उठाता है। पान-तंबाकू के साथ खाई जाने वाली सुपारी का हत्या से क्या संबंध है? यह मुद्दा अंडरवर्ल्ड से लेकर सामान्य हत्याओं तक में बार-बार उठता है। आइए जानते हैं कि पान के साथ खाई जाने वाली सुपारी का नाम हत्या के अपराध से कैसे जुड़ा है।
सुपारी का ऐतिहासिक संदर्भ
सुपारी, जिसे अरेका नट भी कहा जाता है, का इतिहास दक्षिण-पूर्व एशिया में बहुत पुराना है। इसका उपयोग 2000 साल पहले से होता आ रहा है। पान-तंबाकू के अलावा, इसे धार्मिक और सांस्कृतिक अनुष्ठानों में भी प्रयोग किया जाता है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि सुपारी शब्द का उपयोग हत्या के लिए कब से होने लगा, लेकिन यह माना जाता है कि प्राचीन भारत में जब कोई व्यक्ति किसी अन्य को महत्वपूर्ण कार्य सौंपता था, तो प्रतीक के रूप में सुपारी दी जाती थी।
अंडरवर्ल्ड में सुपारी का अर्थ
लेखक एस हुसैन जैदी की पुस्तक 'डोंगरी टू दुबई: सिक्स डिकेड्स ऑफ द मुंबई माफिया' में बताया गया है कि सुपारी शब्द माहेमी जनजाति के मुखिया भीम की परंपरा से आया है। जब भी भीम को कोई कठिन कार्य सौंपना होता था, तो वह योद्धाओं की बैठक करते थे और एक थाली में सुपारी या पानी रखते थे। जो व्यक्ति पत्ते उठाता था, उसे वह कार्य करना होता था। इस प्रकार, अंडरवर्ल्ड में हत्या के लिए सुपारी देने का अर्थ होता है कि किसी को मारने का सौदा किया गया है।
सुपारी का फिल्मी प्रभाव
फिल्मों ने सुपारी को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें महाराष्ट्र और अंडरवर्ल्ड की पृष्ठभूमि दिखाई गई है। मुंबई पुलिस के रिटायर्ड एसीपी वसंद ढोबले के अनुसार, महाराष्ट्र में मेहमानों को बुलाने के लिए पान-सुपारी का उपयोग होता रहा है। जब कोई डील पक्की होती है, तो मराठी में कहा जाता है- 'कमची सुपारी अली है', जिसका अर्थ है कि हमें काम का कॉन्ट्रैक्ट मिल गया है। इस प्रकार, महाराष्ट्र और अंडरवर्ल्ड पर आधारित फिल्मों ने इस शब्द को और अधिक प्रचलित किया।