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सुरपुरा कलां में बाल श्रम निषेध दिवस पर जागरूकता शिविर का आयोजन

सुरपुरा कलां में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में कानूनी विशेषज्ञों ने ग्रामीणों को बाल श्रम के खिलाफ कानूनों और उनके महत्व के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को बाल श्रम की समस्या और इसके समाधान के लिए जनसहभागिता की आवश्यकता पर जोर दिया गया। जानें इस शिविर में क्या-क्या हुआ और कैसे यह समुदाय को जागरूक करने में मददगार साबित हुआ।
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सुरपुरा कलां में बाल श्रम निषेध दिवस पर जागरूकता शिविर का आयोजन

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर कानूनी जागरूकता शिविर


(Bhiwani News) लोहारू। उपमंडल विधिक सेवा प्राधिकरण लोहारू ने जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण भिवानी और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पवन कुमार के निर्देशों के तहत विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर गांव सुरपुरा कलां में कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया।


इस शिविर में पैनल अधिवक्ता मनोज लाखलान ने ग्रामीणों और युवाओं को बाल श्रम निषेध दिवस के महत्व और उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से काम कराना एक कानूनी अपराध है। उन्होंने यह भी कहा कि बाल श्रमिकों का बचपन, शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास के अधिकारों का हनन होता है। यदि कोई नाबालिग काम करते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


बाल श्रम समाप्त करने के लिए जनसहभागिता आवश्यक


उन्होंने यह भी बताया कि बाल श्रम को समाप्त करने के लिए केवल कानून ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि इसके लिए जनसहभागिता, सामाजिक जिम्मेदारी और शिक्षा के प्रति जागरूकता भी जरूरी है। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों से अपील की गई कि यदि वे कहीं बाल श्रम होते हुए देखें, तो तुरंत बाल कल्याण समिति, पुलिस या विधिक सेवा प्राधिकरण को सूचित करें।


इस शिविर में उपमंडल विधिक सेवा प्राधिकरण लोहारू और नालसा द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें मौलिक अधिकार और कर्तव्य भी शामिल थे। इस अवसर पर ग्राम पंचायत सरपंच नितेश वर्मा, रणबीर, राजेश और अन्य ग्रामीण एवं युवा उपस्थित रहे।