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हरियाणा के किसानों के लिए नई योजना: धान की सीधी बिजाई पर मिलेगा 4500 रुपये प्रति एकड़

हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए धान की सीधी बिजाई को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति एकड़ 4500 रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है। यह योजना न केवल किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि जल और बिजली की बचत के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करेगी। जानें इस योजना के तहत किसानों को मिलने वाले लाभ और इसके महत्व के बारे में।
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हरियाणा के किसानों के लिए नई योजना: धान की सीधी बिजाई पर मिलेगा 4500 रुपये प्रति एकड़

हरियाणा के किसानों के लिए नई प्रोत्साहन योजना

हरियाणा के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा: धान की सीधी बिजाई के लिए प्रति एकड़ 4500 रुपये का प्रोत्साहन: चंडीगढ़: हरियाणा में किसानों के लिए एक सकारात्मक खबर आई है। राज्य सरकार ने धान की सीधी बिजाई (डीएसआर) को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति एकड़ 4500 रुपये की सहायता राशि देने का निर्णय लिया है।


पहले यह राशि 4000 रुपये प्रति एकड़ थी, लेकिन अब इसमें 500 रुपये की वृद्धि की गई है। इसके अलावा, डीएसआर तकनीक के लिए मशीन खरीदने वाले किसानों को 40,000 रुपये तक की सब्सिडी भी दी जाएगी। यह कदम न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक साबित होगा।हरियाणा के किसान


राज्य सरकार ने धान उत्पादन करने वाले 12 जिलों—अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत, सोनीपत, जींद, हिसार, सिरसा, रोहतक और फतेहाबाद—में इस तकनीक को बढ़ावा देने के लिए 182 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।


इस बार सरकार ने 4 लाख एकड़ भूमि पर धान की सीधी बिजाई का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। खास बात यह है कि इस योजना में भूमि की कोई सीमा नहीं है। चाहे किसान 1 एकड़ हो या 100 एकड़ पर डीएसआर तकनीक अपनाए, उसे प्रति एकड़ 4500 रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। हरियाणा में 15 जून से धान की बिजाई शुरू होगी, और यह योजना किसानों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है।


धान की सीधी बिजाई के कई लाभ हैं, जो इसे पारंपरिक खेती से अलग बनाते हैं। इस तकनीक से लगभग 30% पानी की बचत होती है, जिससे जल संकट के समय में बड़ी मदद मिलती है। साथ ही, 25-30% बिजली की खपत कम होती है, जिससे किसानों का खर्च घटता है। नर्सरी तैयार करने, मजदूरी और रोपाई की लागत से भी राहत मिलती है। यह तकनीक कार्बन उत्सर्जन को कम करती है और मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने में मदद करती है। यह पर्यावरण के अनुकूल खेती का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।


यह योजना हरियाणा के किसानों के लिए न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ खेती की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का यह प्रयास किसानों को नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा और हरियाणा की कृषि को और मजबूत बनाएगा।